राजधानी पटना में ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने एवं सुरक्षा के लिहाज से 2500 सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। इस काम को अगले साल फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। गंगा पथ पर 40 सीसी कैमरे लगाए गए हैं। इनमें 19 फिलहाल कार्यरत हैं। गुरुवार को स्मार्ट सिटी कार्यालय में कमांड सेंटर से इसकी निगरानी शुरू की गई। पूरे पटना में 300 इलाकों में ये कैमरे लगाए जाएंगे। इन कैमरों की सबसे खास बात यह होगी कि अंधेरे में भी साथ तस्वीर रिकॉर्ड करेंगे। वहीं ऑटोमेटिक नंबर प्लेट पढ़ने और चेहरा पहचानने में बीए कैमरे सक्षम होंगे।
इसके अलावा 220 किलोमीटर की दूरी में केबल बिछाने का काम पूरा कर लिया जाएगा। अभी तक 43 किलो मीटर की दूरी में ही केबल बिछाये गये हैं। मानसून के बाद काम में तेजी आएगी। फिलहाल यह प्रोजेक्ट काफी धीमी गति से चल रहा है।
170 कैमरे लगाने का काम पूरा।
जानकारी के अनुसार पटना स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर परियोजना के वर्तमान में गंगा पाथवे, पुलिस कार्यालय, डाकबंगला चौराहा समेत कुल 70 स्थानों पर 170 कैमरे लगाए गए हैं। वहीं, सर्विलांस के लिए लगे पहले 100 सीसी कैमरे को भी जोड़ दिया गया है। फिलहाल पटना में 270 कैमरों से निगरानी की जा रही है। वरीय पुलिस अधीक्षक, पटना के कार्यालय परिसर में स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर भवन के पहले तल पर सर्वर रूम का कार्य भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। वहीं दूसरे तल एवं तीसरे तल पर विभिन्न सेवाओं की निगरानी की व्यवस्था की जा रही है।
50 जगहों पर लगेंगे इमरजेंसी कॉल बॉक्स।
परियोजना के अंतर्गत 50 स्थानों पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स एवं पब्लिक एड्रेस सिस्टम की व्यवस्था की जाएगी। वर्तमान में पांच जगह, जिनमें पुलिस कार्यालय, दीघा रोटरी गंगा पाथवे, डाकबंगला चौराहा, करगिल चौक, जेपी गोलंबर पर इमरजेंसी कॉल बॉक्स और पब्लिक एड्रेस सिस्टम लगाए गए हैं। आपदा, आपात, और दुर्घटना होने आदि की स्थिति में आम नागरिक इमरजेंसी कॉल बॉक्स के माध्यम से सीधे कंट्रोल रूम से संपर्क कर सकते हैं। वहीं, प्रशासन द्वारा पब्लिक एड्रेस सिस्टम से जनहित में सूचना प्रसारित की जाएगी। इस परियोजना पर कुल 211 करोड़ खर्च किए जाएंगे।