अगले 3 सालों में कोसी पर तीन और सोन नदी पर एक पुल बनकर होगा तैयार। कई जिलों की बढ़ेगी कनेक्टिविटी।

बिहार के कई नदियों पर अलग-अलग जिलों में पुलों का निर्माण चल रहा है। आने वाले दो-तीन सालों में बिहार में 4 पुल बनकर तैयार हो जाएंगे। इनमें कोसी नदी पर तीन और सोन नदी पर एक पुल बनकर तैयार होगा। कोसी नदी पर मधुबनी जिले में भेजा और सुपौल जिले में बकौर पुल, फुलौत पुल और मानसी एवं सहरसा के बीच पुल शामिल है। वहीं सोन नदी पर रोहतास जिले के पंडुका में बनेगा।

कोसी नदी पर बनेगा देश का सबसे लंबा पुल।

बता दें कि भारतमाला परियोजना के तहत कोसी नदी पर देश का सबसे लंबा पुल भेजा-बकौर अगले साल करीब 1284 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हो जायेगा। 10.27 किमी लंबे इस दो लेन पुल में मधुबनी के भेजा छोर पर 1.1 किमी व सुपौल के बकौर छोर पर 2.1 किलोमीटर एप्रोच पथ का निर्माण किया जा रहा है।

बिहपुर -वीरपुर के बीच बनेगा फुलौत पुल।

कोसी नदी पर एनएच-106 पर फोरलेन फुलौत पुल बनेगा, इसके निर्माण एजेंसी का चयन कर काम शुरू हो चुका है। इस फोरलेन पुल की लंबाई करीब 6.93 किलोमीटर होगी। साथ ही एप्रोच रोड के साथ इसकी लंबाई करीब 28.94 किमी होगी। इसके निर्माण पर करीब 1478.84 करोड़ की लागत का अनुमान है। पुल से बिहपुर से वीरपुर जाने के लिए सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।

मानसी- सहरसा के बीच होगा पुल का निर्माण।

इधर मानसी और सहरसा के बीच बेहतर संपर्क के लिए चार नदियां कोसी नदी, पुरानी कोसी, कात्यायनी नदी एवं बागमती नदी पर सड़क पुल बनाया जायेगा। करीब 514 करोड़ की पहले फेज की इस परियोजना से खगड़िया, सहरसा, मधेपुरा व सुपौल जिले के लोगों को सीधा फायदा होगा। इसमें धनछर से बदला बांध तक बड़ी बाधा चार नदियों पर बड़े पुल के निर्माण को लेकर थी।

सोन नदी पर पांडुका ब्रिज।

बिहार और झारखंड के बीच सोन नदी पर पांडुका ब्रिज का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। छत्तीसगढ़ की निर्माण एजेंसी को इसकी जिम्मेदारी दी गई। लगभग 144 करोड़ की लागत से बनने वाले इस दोलन पुल के बनने के बाद झारखंड के श्रीनगर और नौहट्टा के बीच 120 किलोमीटर की दूरी 20 किलोमीटर में सिमट जाएगी। दरअसल अभी नाव ही एकमात्र सहारा है और सड़क मार्ग से डेहरी होकर जाना पड़ता है जो काफी लंबा पड़ता है।