मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में आयोजित होने वाले वार्षिक गोटमार मेले में 400 से अधिक लोग घायल हुवे हैं। इनमें से 2 लोग गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें बेहतर इलाज के लिए नागपुर रेफर किया गया। बता दें कि यह एक तरह का वार्षिक आयोजन है जहां पर 2 गांव के लोग एक दूसरे पर पत्थर बरसाते हैं। इसके लिए पहले ट्रकों में भर भर के पत्थर इकट्ठा किया जाता है। और फिर दोनों गांव के लोग आपस में एक दूसरे पर पथराव करते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि जिले के पांढुर्ना कस्बे के पास इस वार्षिक पथराव मेले के लिए 1000 से अधिक पुलिसकर्मियों और 35 डॉक्टरों के एक दल को तैनात किया गया था. यहां ड्रोन कैमरों की माध्यम से भी स्थिति की निगरानी की गई थी. जिले के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ जीसी चौरसिया ने कहा कि मंगलवार को गोटमार मेले के दौरान 400 से अधिक लोग घायल हो गए. इनमें ज्यादातर नाबालिग हैं जबकि दो गंभीर रूप से घायलों को बेहतर उपचार के लिए नागपुर भेजा गया है।
बता दें कि गोटमार मेले में जाम नदी के दोनों किनारों पर सावरगांव और पांढुर्ना गांव के लोग जमा होते हैं तथा एक पेड़ जिस पर झंडा लगा होता है, नदी के बीच में रखा जाता है। दोनों पक्ष एक दूसरे पर पथराव करते हुए पेड़ की ओर दौड़ लगाते हैं और जो पक्ष पहले झंडा फहरा लेता है उसे विजेता घोषित किया जाता है।
स्थानीय किवदंती के अनुसार, पांढुर्ना के युवक और सावरगांव की युवती के बीच प्रेम संबंध था। एक दिन प्रेमी युवक ने सावरगांव पहुंचकर युवती को भगाकर पांढुर्ना लाना चाहा जैसे ही दोनों जाम नदी के बीच पहुंचे तो सावरगांव के लोगों को खबर लगी और उन्होंने प्रेमी युगल को रोकने के लिए पत्थर बरसाए। अपने गांव के लड़के पर हमला होते देख पांढुर्ना गांव के लोगों ने भी सावरगांव के लोगों पर पत्थर बरसाए। इस किवंदती को 300 साल पुराने गोटमार मेला आयोजन से जोड़ा जाता है।