कई बार ऐसी खबरें आती हैं और वीडियो वायरल होते हैं कि बिहार पुलिस की गाड़ी को धक्का लगा कर स्टार्ट किया जा रहा है। हालांकि जल्द ही यह तस्वीर बदलने जा रही है क्योंकि सरकार ने पुलिस बेड़े में शामिल 15 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर राज्य में रोक लगा दी है। इसके मद्देनजर पुलिस महकमे ने पुराने वाहनों को बदलने से संबंधित रणनीति तैयार की है।
हर वर्ष खरीदे जाएंगे नए वाहन।
जानकारी के अनुसार पुलिस महकमे ने नयी वाहन नीति तैयार की है। इसमें सभी पुराने वाहनों को चरणवार तरीके से बदलने की व्यवस्था की गयी है। प्रत्येक वर्ष एक निश्चित संख्या में वाहनों की खरीद की जायेगी। इसे लेकर सभी जिलों से पुराने और खटारा वाहनों की सूची मांगी गयी है, ताकि उन्हें बदलने को लेकर पहल की जा सके। सभी पुराने वाहनों को आने वाले चार से छह महीने में प्राथमिकता के आधार पर परिचालन से हटा दिया जायेगा।
जिलेवार बनाई जाएगी वाहनों की सूची।
बताया जा रहा है कि पुलिस महकमे में वर्तमान में लगभग 500 के आसपास खटारा गाड़ियां होंगी। हालांकि अभी सभी जिलों से विस्तृत सूची नहीं प्राप्त हुई है। सूची प्राप्त होने के बाद जिन जिलों में सबसे ज्यादा वाहनों की जरूरत होगी, वहां ज्यादा और जहां कम जरूरत होगी, वहां कम संख्या में वाहनों को भेजा जायेगा।
आधुनिकीकरण के लिए डेढ़ हजार करोड़ का है बजट।
परिवहन विभाग के 15 साल पुराने वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने के बाद पुलिस महकमे ने इस पर खासतौर से काम शुरू कर दिया है। आने वाले तीन से चार वर्ष में सभी पुराने वाहनों को रिप्लेस करने की कार्ययोजना के तहत काम किया जा रहा है। पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत हर वर्ष कुछ-कुछ संख्या में वाहनों के खरीद करने की योजना बनायी गयी है। चालू वित्तीय वर्ष में आधुनिकीकरण योजना के तहत डेढ़ हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसमें वाहनों की खरीद की भी योजना है।