रेलवे लगातार नई तकनीकों से खुद को लैस कर रहा है।हाल ही में खबर आई थी कि अब स्टेशन मास्टर की जगह कंप्यूटराइज्ड सिस्टम से काम लिया जाएगा। और तकनीक सामने आई है जिसमें ट्रेनों में रहने वाले गार्ड की ड्यूटी खत्म हो जाएगी। उनकी जगह अब ईओटीटी सिस्टम (इंड आफ ट्रेन टेलीमेट्री) कार्य करेगा। यह अति आधुनिक सिस्टम गार्ड यान (ब्रेक वान) में लगाए जाएंगे। शुरुआत मालगाड़ियों से होगी। यात्री ट्रेनों (पैसेंजर ट्रेन) में भी ईओटीटी लगाने की तैयारी है।
इस सिस्टम का ट्रायल हो चुका है शुरू।
बता दें कि मध्य रेलवे के पुणे रूट और डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर कारपोरेशन (डीएफसीसी) पर चलने वाली मालगाड़ियों के गार्ड यान में ईओटीटी सिस्टम का परीक्षण शुरू हो गया है। पूर्वोत्तर रेलवे (एनईआर) प्रशासन भी बिना गार्ड के मालगाड़ियों को चलाने का अभ्यास शुरू कर दिया है। नौ अगस्त को गोरखपुर से गोंडा के बीच दो मालगाड़ियां बिना गार्ड के चलाई गईं।
पैसेंजर ट्रेनों में भी लगाया जाएगा यह सिस्टम।
हालांकि इन मालगाड़ियों में ईओटीटी सिस्टम नहीं लगा था, लेकिन जल्द ही एनईआर रूट की मालगाड़ियां भी ईओटीटी सिस्टम से संचालित होने लगेंगी। प्रथम चरण में भारतीय रेलवे में एक हजार मालगाड़ियों में ईओटीटी सिस्टम लगाने की योजना है। आने वाले दिनों में भारतीय रेल की सभी मालगाड़ियों में यह सिस्टम लगा दिया जाएगा। दूसरे चरण में यात्री ट्रेनों में लगने शुरू हो जाएंगे।
सरकार का बचेगा राजस्व।
बताया जा रहा है कि एक ईओटीटी सिस्टम की कीमत करीब दस लाख रुपये है। जो ट्रेन की एक-एक गतिविधियों से लोको पायलटों को अवगत कराता रहेगा। विषम परिस्थिति या ट्रेन के दो भाग में बंट जाने पर भी यह पलक झपकते लोको पायलटों और कंट्रोल को सूचित करेगा। यानी पूरी तरह गार्ड की भूमिका निभाएगा। यह सिस्टम ट्रेन के अंतिम छोर पर स्थित गार्ड यान में स्थापित होगा। पूरा सिस्टम हर पल लोको पायलटों और कंट्रोल के संपर्क में रहेगा। सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के साथ संरक्षा की भी निगरानी करेगा। इस तकनीक के इस्तेमाल से मानव श्रम पर होने वाला खर्च बच जाएगा।