बिहार में अब एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार मिलकर काम कर रही हैं। वर्तमान में राज्य में सिर्फ पटना, दरभंगा और गया एयरपोर्ट चालू है। धीरे-धीरे भागलपुर और पूर्णिया में भी एयरपोर्ट शुरू करने की योजना है। इसके अलावा पश्चिमी चंपारण के रक्सौल एयरपोर्ट को भी जल्द ही शुरू किया जा सकता है। नेपाल सीमा पर स्थित एयरपोर्ट सामरिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण है।
एयरपोर्ट निर्माण को लेकर सरकार ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट तलब की थी। जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने सरकार को इस संदर्भ में अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
एयरपोर्ट के लिए पर्याप्त जमीन है उपलब्ध।
माना जा रहा है कि जिलाधिकारी की रिपोर्ट के बाद इस एयरपोर्ट को प्राथमिकता के आधार पर सरकार शीघ्र ही शुरू कर सकती है। पूर्वी चंपारण के जिलाधिकारी ने जिला राजस्व शाखा, मोतिहारी के माध्यम से निदेशक संचालक, सिविल विमानन निदेशालय, मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, पटना हवाईअड्डा को पत्र लिखा गया है। पत्र में बताया गया है कि रक्सौल प्रखंड के विभिन्न पंचायतों के मौजा में पांच जमाबंदी संख्या है। जिसमें कुल रकबा 152.775 एकड़ भूमि पूर्व से ही अर्जित की गयी है। हवाई अड्डा की जमाबंदी भारतीय विमान पत्तनन प्राधिकार के नाम से संधारित है। एयरपोर्ट की इस भूमि की पैमाइश अंचल अमीन से करायी गयी है।
सामरिक दृष्टिकोण से है महत्वपूर्ण।
डीएम ने अपनी रिपोर्ट में वर्तमान में एयरपोर्ट की भूमि की स्थिति की जानकारी भी दी गयी है। बताया गया है कि एयरपोर्ट की भूमि की चारदीवारी है। जिसके अंदर पूर्व में एयरपोर्ट भवन है। रनवे छोटे विमान उतरने लायक है। सामरिक दृष्टि से नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल शहर और प्रस्तावित एयरपोर्ट काफी महत्वपूर्ण है। इसे अंतररष्ट्रीय हवाई अड्डा के रूप में विकसित किया जा सकता है। इसके लिए आसपास से भूमि अधिग्रहण भी किया जा सकता है।