एयरपोर्ट की सुरक्षा में लगे 3000 सीआईएसएफ के पद मोदी सरकार ने किया खत्म। अब प्राइवेट कंपनी के हवाले देश की सुरक्षा।

केंद्र की मोदी सरकार अपने निजी करण के नीति को और आगे बढ़ाते हुए अब संवेदनशील जगहों की सुरक्षा में भी निजी कंपनियों को घुसाने जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि देश में जो कुछ भी है सब कुछ प्राइवेट हो जाना चाहिए ताकि कुछ चुनिंदा बिजनेसमैन को फायदा दिलाया जा सके। इसी नीति के तहत अब 3000 से अधिक CISF पदों को खत्म कर दिया है। अब उनकी जगह हवाईअड्डों पर निजी सुरक्षा गार्ड ड्यूटी करेंगे।

प्राइवेट कंपनियों के हवाले देश की सुरक्षा।

नागर विमानन मंत्रालय तथा गृह मंत्रालय की तरफ से संयुक्त रूप से तैयार 2018-19 कार्य योजना को अब देश भर के 50 असैन्य हवाईअड्डों पर लागू किया जा रहा है। विमानन सुरक्षा के नियामक संगठन बीसीएएस की योजना के मुताबिक, सीआईएसएफ के कुल 3049 विमानन सुरक्षा पदों को खत्म कर दिया गया है और उनकी जगह पर 1924 निजी सुरक्षाकर्मी तैनात किए जाएंगे। इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरे और सामान के स्कैनर जैसी स्मार्ट निगरानी तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।

खर्च कम करना है सरकार का लक्ष्य।

सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था से हवाईअड्डों के संचालकों का विमानन सुरक्षा पर होने वाला खर्च भी कुछ कम होगा। एक विश्लेषण में पाया गया है कि कई गैर-संवदेनशील कामों के लिए सशस्त्र सीआईएसएफ जवानों की जरूरत नहीं है और ऐसे काम निजी सुरक्षाकर्मी भी कर सकते हैं जबकि कुछ क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाकर निगरानी की जा सकती है।