बीते गुरुवार 26 अगस्त को काबुल में हुए धमाकों के बाद मरने वालों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है।
अब तक 170 से अधिक लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। इसमें 13 अमेरिकी सैनिकों की भी मौत हुई है। बताया जाता है कि मरने वाले अमेरिकी सैनिकों में सभी 20 से 30 साल के बीच के युवा थे। घायलों का इलाज अस्पतालों में किया जा रहा है। इस बीच अमेरिका और अन्य पश्चिमी देशों ने काबुल से अपने नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया जारी रखी है। बता दें कि तालिबान ने 31 अगस्त की डेडलाइन दी है उसके बाद से अमेरिकी और अन्य पश्चिमी देशों की सेनाओं को काबुल एयरपोर्ट छोड़ कर जाना होगा।
इधर जो वार्डन ने बयान दिया था कि हमला करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा हम उन्हें ढूंढ कर मारेंगे। हमले की जिम्मेदारी ISIS-K ने ली थी। एसबीजे अभी खबर आ रही है कि अमेरिका ने अफगानिस्तान के कुछ आतंकवादी ठिकानों पर ड्रोन से हमले किए हैं।
अमेरिकी सेना ने शनिवार तड़के अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट के खिलाफ हवाई हमला किया, पेंटागन ने कहा, संगठन के लिए एक योजनाकार के रूप में वर्णित एक चरमपंथी नेता की हत्या की संभावना है। इस्लामिक स्टेट के आत्मघाती हमलावर द्वारा काबुल में हवाई अड्डे के बाहर गुरुवार को लगभग 200 अफगानों और 13 अमेरिकी सेवा सदस्यों को मारने के बाद यह पहली ज्ञात कार्रवाई थी, जहां 31 अगस्त की सैन्य वापसी की समय सीमा से पहले अमेरिकी निकासी चल रही थी।