केंद्र ने बिहार सरकार को दिया झटका। मनरेगा में 12 करोड़ वर्क डे की थी डिमांड। मिला सिर्फ ढाई करोड़ मानव दिवस।

बेरोजगार लोगों को उनके गांव में ही 100 दिन के सुनिश्चित रोजगार उपलब्ध कराने के लिए लाई गई योजना मनरेगा का ग्रामीण इलाकों में काफी फायदा हुआ है। इसे देखते हुए बिहार सरकार ने अपने राज्य के लिए ज्यादा से ज्यादा मनरेगा वर्क डे की मांग की थी।केंद्र सरकार की तरफ से काफी कम उपलब्ध कराया गया है। मनरेगा के अंतर्गत बिहार ने केंद्र सरकार से 12 करोड़ मानव दिवस की मांग की थी। पर, केंद्र से अभी ढाई करोड़ की ही स्वीकृति दी गई है। साथ ही केंद्र सरकार ने आश्वासन भी दिया है कि दो माह के अंदर और भी अतिरिक्त मानव दिवस की मंजूरी दी जाएगी।

बता दें कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में बिहार को 15 करोड़ मानव दिवस की सहमति दी गई थी। अगस्त के पहले सप्ताह में ही 14 लाख से अधिक दिनों का काम मजदूरों को दे दिया गया था। इसको देखते हुए ग्रामीण विकास विभाग ने अतिरिक्त 12 करोड़ मानव दिवस की मांग की थी। ताकि, 15 करोड़ का लक्ष्य पूरा होने के बाद भी राज्य में मजदूरों को मनरेगा के तहत काम मिलने में कोई परेशानी न हो।

राज्य सरकार ने 25 करोड़ मानव दिवस का दिया था प्रस्ताव।

राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए शुरुआत में ही 25 करोड़ मानव दिवस का प्रस्ताव दिया था, पर 15 करोड़ की ही स्वीकृति मिली। तब, केंद्र सरकार ने यह कहा था कि 15 करोड़ के लक्ष्य को पूरा करें, बाद में इसे बढ़ा दिया जाएगा। पूर्व के सालों की बात करें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में 20 करोड़ मानव दिवस की स्वीकृति केंद्र सरकार ने बिहार को दी थी। इसके विरुद्ध पूरे साल में 18 करोड़ 20 लाख दिन का काम मजदूरों को दिया गया। वहीं, वित्तीय वर्ष 2020-21 में 22 करोड़ 79 लाख मानव दिवस बिहार में सृजित किये थे।