भागलपुर में AIIMS की तर्ज पर मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का निर्माण कार्य लगातार चल रहा है। यह बरारी रोड स्थित पशुधन सह कुक्कुट पालन परिसर के सामने निर्माणाधीन है। केन्द्रीय स्वास्थ राज्य मंत्री रहते हुए अश्वनी चौबे ने सिल्क सिटी को लगभग 200 करोड़ रुपए की यह सौगात दी थी। इस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर को जून महीने में जबकि ओपीडी अगस्त महीने तक शुरू हो जानी थी, लेकिन कोरोना की वजह से यह काम अब तक अधूरा पड़ा हुआ है। साल के अंत तक अस्पताल पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगा।
इसके निर्माण कार्य के संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास का कहना है कि अस्पताल का 70 फीसदी कार्य हो चुका है। अब सिर्फ फिनिशिंग का कार्य बचा हुआ है। वहीं, नोडल पदाधिकारी डॉक्टर महेश पांडे ने बताया कि कोरोना की वजह से काम बिल्कुल धीमा हो गया था। अब धीरे-धीरे कार्य अपनी रफ्तार पकड़ रहा है। लेकिन, अभी भी जो कार्य वास्तविक रूप में बचे हुए हैं, उसमें से ऐसे कार्य हैं जिनके बिना अस्पताल चालू करना संभव नहीं है।
हैंड ओवर नहीं की गई है बिल्डिंग
उन्होंने बताया कि जब तक यह पूरी तरह बनकर कंपनी के द्वारा हमें हैंड ओवर नहीं कर दिया जाता तब तक हम इस पर किसी तरह का मशीन नहीं मंगवा सकते। उन्होंने बताया कि अगर सामान मंगवाएंगे तो उसके देख-रेख के लिए गार्ड की जरूरत होगी, लेकिन अभी तक बीएमसीएल के द्वारा यहां पर किसी तरह के बहाली नहीं की गई है। ये अस्पताल 200 बेड का है। इसके लिए कम से कम 50 से अधिक डॉक्टरों की जरूरत होगी| इसके साथ साथ उससे कहीं ज्यादा टेक्नीशियन और नर्सों की जरूरत पड़ेगी, जिसका अभी तक इसका कोई अता पता नहीं है।
ये सब सुविधाए होगी
इसमें दिल, दिमाग, किडनी व मूत्र रोगों के विशेषज्ञ डाक्टरों की निगरानी में इलाज होगा। अब तक इन बीमारियों के मरीजों को पटना, सिलीगुड़ी या दिल्ली जाना पड़ता था। नए साल में यह अस्पताल मरीजों के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। मेडिकल अस्पताल के प्राचार्य डॉ. हेमंत कुमार सिन्हा इस अस्पताल में न्यूरोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, नेफ्रोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी, कॉर्डियो थोरेसिस सर्जरी, यूरोलॉजी, जेरिएट्रिक विभाग होगा। इसके अलावा इसमें आधुनिक संसाधनों से युक्त ट्रामा सेंटर भी होगा।
मां-बच्चों के लिए सौ बेड का अस्पताल: मायागंज अस्पताल में जच्चा-बच्चा के इलाज के लिए जनवरी में नया वार्ड बनकर तैयार हो जाएगा। इनडोर शिशु विभाग के समीप दो मंजिले भवन की खासियत होगी कि इसमें जच्चा-बच्चा के लिए 50-50 बेड रहेगा। इसमें आब्स गायनी में दो लेबर रूम, ऑपरेशन थियेटर, बीमार नवजात शिशुओं के इलाज के लिए नीकू, पीकू सहित स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट की भी व्यवस्था रहेगी। इसके भवन पर 20 करोड़ का खर्च आया है।
कोरोना के कारण हुई देरी
मायागंज अस्पताल अधीक्षक डॉ. असीम कुमार दास ने बताया कि कोरोना के वजह से इसमें देरी हुई है। लेकिन, अब कार्य की रफ़्तार धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। अभी इसमें फाइनल टच जैसे फर्नीचर, टाईल्स, बिजली वगैरह का काम चल रहा है। जैसे ही कंपनी के द्वारा हमें भवन हैण्डओवर किया जाएगा, सबसे पहले गार्डों की बहाली की जाएगी | सुरक्षा की दृष्टिकोण से गार्ड की बहाली सबसे पहले की जाएगी फिर अन्य कर्मियों की बहाली की जाएगी। इसके बाद एक-एक करके विभिन्न विभागों को शुरू कर दिया जाएगा।