15 अगस्त को तालिबानी लड़ाकू ने काबुल में घुसकर अंतिम रूप से पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग गए। पूरे देश में अफरा-तफरी मची हुई है। लोग पुराने वाले तालिबान के खौफ से देश छोड़ने को मजबूर हैं। एयरपोर्ट पर भारी भीड़ देखी जा रही है। लोग हवाई जहाज के टायरों के बीच लटक लटक कर भागने की कोशिश कर रहे हैं। जिसमें सोमवार के दिन 3 लोगों की जान चली गई। लोग तालिबान के पुराने शासन को याद कर के खौफजदा हैं।
खास करके महिलाएं सबसे ज्यादा डरी हुई हैं। क्योंकि तालिबानी शासन में महिलाओं से सारे अधिकार छीन लिए जाते हैं। और पूरी तरह से कट्टर इस्लामी कानून ठोक दिया जाता है। हालांकि इस बार तालिबान महिलाओं के की रक्षा करने की बात कर रहा है। लेकिन पिछले कान के शासन के दौरान तालिबान ने महिलाओं के लिए काफी कड़े नियम बनाए हुए थे।
जैसे कोई भी महिला किसी अपने पुरुष संबंधी के बगैर अकेले घर से बाहर नहीं निकल सकती थी।
वह टाइट अथवा चुस्त कपड़े नहीं पहन सकते थे।
उन्हें किसी भी सार्वजनिक आयोजन में शामिल होने का अधिकार नहीं था।
एडल्ट्री विवाहेत्तर संबंध बनाने पर महिलाओं को सार्वजनिक रूप से मार दिया जाता था।
महिलाएं तस्वीर नहीं खिंचवा सकती थी।
को किसी दफ्तर में काम भी नहीं कर सकती थी।
हालांकि इस बार तालिबान अपनी तरफ से ये बताने की कोशिश कर रहा है कि वह महिला अधिकारों की रक्षा करेगा और महिलाओं को पढ़ने की और काम करने की आजादी देगा। और बुर्का पहनने की कोई मजबूरी नहीं होगी लेकिन सिर पर हिजाब अवश्य डालना होगा।
इधर काले हिजाब में चार महिलाओं को प्रोटेस्ट करते हुए और नारे लगाते हुए देखा गया, जबकि तालिबान लड़ाके पास में गश्त कर रहे थे। अल जज़ीरा के एक संवाददाता द्वारा साझा की गई एक अन्य क्लिप में, दूसरी महिलाओं को सड़कों पर मार्च करते हुए, नारे लगाते हुए देखा गया। हथियारबंद पुरुष महिलाओं की ओर इशारा करते और बात करते दिखते हैं, लेकिन उनके विरोध के रास्ते में नहीं आते। इसी तरह एक अन्य महिला रिपोर्टर को भी आए तालिबानी लड़ाकों के बीच से रिपोर्टिंग करते हुए देखा गया।