बिजली के क्षेत्र में बिहार आत्मनिर्भर हो चुका है। हाल के वर्षों में बिजली की सप्लाई व्यवस्था भी बेहतर हुई है। अब प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में भी शहरों जैसी बिजली रहती है और मामूली कटौती होती है। बुधवार को इस क्षेत्र में एक और बड़ा काम हुआ जब एनटीपीसी नबीनगर की तीसरी इकाई से भी वाणिज्यिक उत्पादन अब शुरू हो गया। इसकी क्षमता 660 मेगावाट की है।
बिहार को 90% मिल रही बिजली।
इसके साथ ही सेंट्रल सेक्टर से बिहार को 5922 मेगावाट बिजली की आपूर्ति शुरू हो गयी है। यह बिहार के औसत खपत का 90 फीसदी है। राज्य में पीक आवर के दौरान करीब 6500 मेगावाट बिजली की खपत है। एनटीपीसी के प्रवक्ता विश्वनाथ चन्दन ने कहा कि औरंगाबाद जिले के बारून प्रखण्ड में कोयला आधारित सुपर क्रिटिकल तकनीक पर नबीनगर थर्मल पावर स्टेशन का निर्माण किया गया है।
19,412 करोड़ की लागत से हुआ है तैयार।
बता दें कि इस परियोजना की कुल लागत 19,412 करोड़ है। इस बिजली घर से बुधवार की रात 12 बजे वाणिज्यिक उत्पादन शुरू किया गया है। इसके साथ ही बिजलीघर के तीन इकाई से 1980 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो गया है। इसमें बिहार को 1680 मेगावाट बिजली आपूर्ति की जा रही है। यह कुल उत्पादन का 84.8 प्रतिशत है। शेष बिजली उत्तरप्रदेश, झारखंड और सिक्किम को आवंटित की गई है। इस बिजलीघर के पहली इकाई का वाणिज्यिक उत्पादन 6 सितम्बर 2019 और दूसरी इकाई का वाणिज्यिक उत्पादन 23 जुलाई 2021 को शुरू हुआ था।