पंचायत चुनाव में इन जिलों के प्रत्याशी नहीं कर पाएंगे कोई सभा। जानिए कौन-कौन से जिले हैं शामिल

प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी है। 6 पदों के चुनाव के लिए प्रत्याशी मैदान में रहेंगे। बीते 24 अगस्त को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। 24 सितंबर से लेकर के 12 दिसंबर तक की 11 चरणों में चुनाव कराने का फैसला लिया गया है। पहले चरण में उन हिस्सों में चुनाव होगा जहां बाढ़ प्रभावित क्षेत्र नहीं है। अभी 2 दिन पहले ही निर्वाचन आयोग ने कुल आरक्षित सीटों का आंकड़ा जारी किया है।

इधर राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के लिए कई नए गाइडलाइंस जारी किया। साथ ही अलग-अलग जिला के जिलाधिकारियों और पुलिस पदाधिकारी को पत्र लिखकर चुनाव के वक्त कानून व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति बहाल रखने के लिए अलग-अलग कदम उठाने के निर्देश दिए। इसी क्रम में एटीएस के एडीजी रविंद्रन शंकरन ने पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी और पूर्णिया, अररिया, कटिहार, किशनगंज के पुलिस अधीक्षक को  निर्देश जारी कर कहा है किस सीमावर्ती इलाकों में को सभा करने की इजाजत न दी जाए।

बता दें कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से या फैसला लिया गया है। यानी कि अब अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे क्षेत्रों के प्रत्याशी कोई भी राजनीतिक सभा नहीं कर पाएंगे।
बताया जाता है कि अभी से ही इंडो- नेपाल और बांग्लादेश बॉर्डर के आसपास और बीएसएफ के जवानों के द्वारा एहतियात बरतने का काम शुरू कर दिया गया है, संदिग्ध व्यक्तियों की जांच की जा रही है ताकि पंचायत चुनाव के दौरान भीड़भाड़ का फायदा उठाकर कोई संदिग्ध प्रवेश कर नहीं पाएं। इस तरह की तमाम नाकेबंदी करने का काम अभी सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले अधिकारियों ने शुरू कर दिया है।

जानकारी के अनुसार किशनगंज और अररिया के पुलिस अधीक्षक को विशेष दिशा निर्देश दिए गए हैं और सुरक्षा के दृष्टिकोण से एहतियात बरतने की बात कही गई है। उधर सशस्त्र सीमा बल ने भी सीमावर्ती इलाकों में अभी से ही गस्ती बढ़ा दी है।