लंबे समय से औरंगाबाद- पटना हाइवे को फोरलेन बनाने की मांग को आखिर सरकार ने मान लिया है। ट्रैफिक लोड की वजह से अक्सर दुर्घटना होने वाली इस सड़क को फोरलेन बनाने के लिए केन्द्रीय सड़क निर्माण विभाग ने डीपीआर की स्वीकृति दी। जिसके बाद पटना-औरंगाबाद हाईवे को फोरलेन बनाने के लिए डीपीआर बनाने के लिए टेंडर निकाला। डीपीआर बनाने वाली एजेंसी टेंडर में भाग लेंगे। अगस्त में डीपीआर एजेंसी तय होगा। यानी अब इसके निर्माण को लेकर रास्ता साफ हो चुका है।
आए दिन इस सड़क पर होती है दुर्घटनाएं।
बता दें कि यह सड़क औरंगाबाद, अरवल जिले को पटना से जोड़ने के साथ-साथ झारखंड के पलामू जिले को भी जोड़ती है। ऐसे में इस सड़क पर ट्रैफिक का काफी लोड रहता है। आए दिन सड़क दुर्घटनाएं होती है जिसमें हर साल बड़ी संख्या में लोगों की जाने जा रही है। दुर्घटना का मुख्य कारण सड़क का फोरलेन ना होना भी है। जिला परिवहन के आंकड़ों पर गौर करें तो हर साल करीब 100 से ज्यादा लोगों की हाईवे पर जान जाती है। वैसे औरंगाबाद में 250 लोगों की जान जाती है। इसपर विराम लगेगा। वहीं दो घंटा समय की बचत होगी।
अगले महीने खुलेगा टेंडर।
डालटेनगंज औरंगाबाद-पटना हाईवे का डीपीआर टेंडर निकल चुका है। अलग-अलग एजेंसियों से निविदा आमंत्रित किया गया है। 23 या 24 अगस्त को टेंडर खोला जाएगा। इसके बाद एजेंसी तय होगा। फिर उक्त एजेंसी नौबतपुर से लेकर छतरपुर तक सड़कों का ट्रैफिक लोड, बाइपास, अंडरपास, फ्लाई ओवर और हर तकनीकी पहलुओं को समझेगी। डीपीआर में फोरलेन में आने वाला खर्च का बजट तैयार किया जाएगा। डीपीआर में सड़क का एलाइनमेंट आदि बिंदुओं को दर्शाया जाएगा।
समय की होगी बचत।
ज्ञात हो कि औरंगाबाद से पटना की दूरी लगभग 130 किलोमीटर है। ऐसे में बस और ट्रैवलर से यात्रा करने में 4 घंटे का समय लग जाता है। अगर इस सड़क को फोरलेन कर दिया जाए तो गाड़ियों की रफ्तार की बढ़ेगी जिससे कम समय में पटना पहुंचा जा सकेगा।
इसके अलावा झारखंड के अलग-अलग जिलों से कनेक्टिविटी बेहतर होगी। बता दें कि बिहार से झारखंड जाने वाले बड़ी संख्या में लोग इसी रास्ते से यात्रा करते हैं।
स्थानीय सांसद कर रहे थे प्रयास।
इस सड़क के फोरलेन निर्माण को लेकर औरंगाबाद के स्थानीय सांसद सुशील कुमार सिंह लगातार प्रयासरत थे। उन्होंने लोकसभा में भी इस मुद्दे को उठाया था।
इसके अलावा में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन से इस संबंध में मुलाकात कर चुके थे। उन्होंने कई चिट्ठियां भी लिखी। औरंगाबाद सांसद ने कहा कि जनता ने उन्हें सेवा का मौका दिया है इसलिए वह लगातार प्रयासरत है कि सड़क को फोरलेन कर दिया जाए