देश में निर्मित वंदे भारत एक्सप्रेस को बड़ी संख्या में चलाने की योजना है। बुलेट ट्रेन को टक्कर देने वाली ये देसी ट्रेन अब अलग-अलग रूटों पर चलेगी। इस साल के अंत तक देश के 27 रूटों पर 18 वंदे मातरम चलाने की तैयारी चल रही है। पहले फेज में जिन रूटों का चयन किया गया है, उनमें पटना-काशी-दिल्ली भी शामिल है। ऐसे में यात्री या 5 घंटे में दिल्ली पहुंच सकेंगे। वर्तमान में राजधानी एक्सप्रेस को 12 घंटे लगते हैं।
अभी इस रूट पर हो रहा परिचालन।
बता दें कि भारत में अभी वंदे भारत ट्रेन का परिचालन चंद रूटों में किया जा रहा है। देश की पहली वंदे भारत ट्रने दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 फरवरी 2019 को वंदे भारत एक्सप्रेस का उद्घाटन किया था। इस ट्रेन का व्यावसायिक परिचालन 17 फरवरी 2019 को शुरू हुई। अभी दिल्ली और जम्मू के बीच इसका परिचालन हो रहा है। अंबाला रूट पर ट्राइल चल रहा है। मुंबई और अहमदाबाद के बीच इस ट्रेन का चलाने का रेलवे ने फैसला लिया है
नए वर्जन में और बढ़ेगी रफ्तार।
रेलवे के अधिकारियों के अनुसार वंदे भारत ट्रेन काफी अपग्रेडेड है इसी खासियत के कारण इस ट्रने की रफ्तार दूसरे ट्रेनों से काफी तेज है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस ट्रेन के 16 डब्बों में से पांच में मोटर लगी होती है। स्वचलित मोटरों की मदद से ही त्वरित रफ्तार अधिक होती है। बुलेट ट्रेन के आगे लगे एक इंजन पर वंदे भारत के पूरे ट्रेन में लगी 20 मोटर से ज्यादा कारगर होती है। मौजूदा समय में वंदे भारत ट्रेन की स्पीड 160 किलोमीटर प्रतिघंटा है। चरणबद्ध तरीके से साल 2025 तक अपग्रेडेड वर्जन अब 260 किमी प्रतिघंटा से दौड़ेगी।