केबीसी 5 के विनर सुशील कुमार को सब जानते हैं। खास करके बिहार का हर व्यक्ति इस नाम से परिचित है। जब उन्होंने कौन बनेगा करोड़पति के पांचवें सीजन में ₹5 करोड़ जीते थे तो आज के तुलना में सोशल इतना व्यापक सोशल मीडिया और इंटरनेट ना होने के बावजूद भी इनका नाम देश के कोने-कोने में पहुंच गया था। सबसे खास बात यह कि सुशील बिहार के ग्रामीण क्षेत्र के रहने वाले एक बहुत ही साधारण घर के व्यक्ति थे। ये कहानी बिल्कुल फिल्मी थी एक इंसान के फर्श से अर्श तक पहुंचने की कहानी।
लेकिन हाल फिलहाल में सुशील कुमार ने अपनी दुख भरी कहानी शेयर की। उन्होंने कहा कि उनका सबसे बुरा दौर 5 करोड़ जितने के बाद शुरू हुआ था। यह दौर 2015-16 का था। उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में लिखा कि कौन बनेगा करोड़पति को जीतने के बाद उनका बुरा समय शुरू हो गया था और जल्द ही वह कंगाल भी हो गए थे। उन्होंने लिखा कि मैं लोकल सेलिब्रिटीज होने के नाते बिहार में अलग-अलग शो अटेंड करता था। मैं महीने का ₹50000 डोनेशन में दे दिया करता था लेकिन डोनेशन देने के बाद मुझे पता चला कि कुछ लोगों ने मुझे ठगा है।
उन्होंने आगे बताया कि समय के साथ वह शराब और धूम्रपान के आदि भी हो गए थे। अपने कंगाल होने की कहानी के बारे में बताते हुए सुशील ने कहा था कि हो सकता यह कहानी आपको फिल्मी लगे लेकिन यही सच्चाई है। उनके अनुसार एक रात वह फिल्म देख रहे थे फिर अचानक उनकी पत्नी गुस्सा हो गई इसके बाद वह घर छोड़कर बाहर निकल गए। उन्हें एक अंग्रेजी अखबार के पत्रकार ने कॉल किया। कुछ देर अच्छे से बात करने के बाद उन्होंने कुछ ऐसा पूछा जिससे वे चिढ़ गए और उन्होंने कह दिया कि उनके सभी पैसे खत्म हो गए हैं और दो गाय पाली हैं जिनका दूध बेचकर गुजारा कर रहे हैं। इस खबर को जो असर हुआ उससे सभी वाकिफ हैं।
वे आगे बताते हैं कि इसके बाद कई सारे लोगों ने उनसे किनारा कर लिया। मुझे फिल्मों से लगाव था तो मैं इसके बाद मुंबई आ गया फिर किसी ने मुझे प्रोडक्शन हाउस में काम दिलवाया। फिर मैं काम से बोर हो करके वापस घर आ गया टीचर की नौकरी की तैयारी की और अब मैं एक टीचर बन चुका हूं। और पर्यावरण के प्रति बहुत कुछ काम करता हूं। इससे मुझे एक अलग से सुकून और शांति मिलती है।
आगे उन्होंने बताया कि उन्होंने सिगरेट और शराब की लत भी पकड़ ली थी लेकिन अब वह सब भी छूट चुका है आखरी बार उन्होंने कहा कि मैंने 2016 में शराब पी थी। उन्होंने कहा कि जीवन में जरूरतें कम रखनी चाहिए इतनी कि जिससे आराम से गुजारा चल सके।