9 सितंबर 2021 को बाड़मेर, राजस्थान के पास एनएच -925A पर एयर फोर्स विमान की इमरजेंसी लैंडिंग की गई। इस मौके पर रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी मौजूद रहे।
इस हाईवे को खास तौर पर एयर फोर्स के फाइटर जेट के लैंडिंग के लिए बनाया गया। इसके अलावा सामरिक महत्व और भौगोलिक जरूरतों के हिसाब से देश के 13 नेशनल हाईवे पर विमानों की इमरजेंसी लैंडिंग की सुविधा विकसित करने की योजना है। इसके पूर्व भी उत्तर प्रदेश में कई बार यमुना एक्सप्रेसवे वे पर विमानों की लैंडिंग हो चुकी है।
देश में सबसे पहली बार एयर फोर्स के विमान मिराज 2000 की लैंडिंग 21 मई 2015 को यमुना एक्सप्रेस वे पर हुई थी। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा था कि हम प्रदेश में इसी तरह के एक्सप्रेसवे और बनाने जा रहे हैं जो एयर फोर्स के विमानों की लैंडिंग के काम भी आ सकता है। यह पहला मौका था जब भारत में किसी सड़क पर एयर फोर्स के विमान की लैंडिंग हुई थी।
इसके बाद 24 अक्टूबर 2017 को आगरा – लखनऊ एक्सप्रेस वे पर एयर फोर्स का सबसे बड़ा टचडाउन हुआ था। तब यहां सुपर हरक्यूलिस समेत 17 फाइटर प्लेन उतारे गए थे। वही 9 सितंबर 2021 को बाड़मेर में नेशनल हाईवे 925A पर सुपर हरक्यूलिस sukhoi-30 और जैगुआर की लैंडिंग हुई। यहां पर एयर फोर्स के विमानों की लैंडिंग के लिए खास तौर पर अलग से स्ट्रेच बनाया गया है।
इसके अलावा देश के 13 अन्य हाईवे पर विमानों की आपात लैंडिंग हेतु एयरस्ट्रिप बनाने की योजना है। इनमें जम्मू कश्मीर के बिजबेहारा-चिनार बाग हाईवे पर, दिल्ली में दिल्ली-मुरादाबाद हाईवे पर, उत्तराखंड में रामपुर-काठगोदाम हाईवे पर, उत्तर प्रदेश में लखनऊ-वाराणसी हाईवे पर, बिहार में किशनगंज-इस्लामपुर हाईवे पर, झारखंड में जमशेदपुर-बालासोर हाईवे पर, पश्चिम बंगाल में खड़गपुर-क्योंझर हाईवे पर, असम में मोहनबाड़ी-तिनसुकिया हाईवे पर, ओडिशा में छतरपुर-दीघा हाईवे पर, राजस्थान में फलोदी-जैसलमेर हाईवे पर, गुजरात में द्वारका-मालिया हाईवे पर, आंध्र प्रदेश में विजयवाड़ा-राजामुंद्री हाईवे पर और तमिलनाडु में चेन्नई-पुडुचेरी हाइवे शामिल है।
बता दें कि हाईवे पर अरेस्टेड बनाने का यह फायदा है युद्ध के समय बॉर्डर वाले इलाकों में आसानी से पहुंचा जा सके। भारत के अलावा, चीन, पाकिस्तान, स्वीडन, जर्मनी, स्विट्जरलैंड, ताइवान, पोलैंड, फिनलैंड, चेक रिपब्लिक, स्लोवाकिया, साउथ कोरिया और सिंगापुर जैसे कुछ चुनिंदा देसी हैं जहां हाईवे पर फाइटर प्लेन की लैंडिंग हो सकती है। पाकिस्तान के पास कुल 2 ऐसे हाईवे है जहां पर फाइटर प्लेन की लैंडिंग हो सकती है वहीं भारत 13 हाईवे पर ऐसी सुविधा विकसित कर रहा है।