2011 में बिहार सरकार ने कि पटना के बख्तियारपुर से समस्तीपुर के ताजपुर के बीच गंगा नदी पर चार लेन पुल का निर्माण कार्य शुरू कराया था। बाद में पैसे के भाव में एजेंसी द्वारा काम रोक दिया गया। अब 10 साल बीत जाने के बाद भी अभी तक आधा भी बनकर तैयार नहीं हुआ है। लेकिन अब जल्द ही इसके पूरा हो जाने की उम्मीद है। इसी महीने बैंकों से राशि देने के लिए सहमति मिल जाएगी।
बता दें कि इस पुल का निर्माण कार्य जून 2011 में ही शुरू हुआ था। इसे पीपीपी मोड पर बनाने की योजना थी। 2016 तक इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाना था।
लेकिन जमीन अधिग्रहण में देरी और निर्माण एजेंसी की वित्तीय हालत खराब होने के कारण यह परियोजना अब तक पूरा नहीं हो सका है।
पटना और समस्तीपुर जिले को जोड़ने वाले इस चार लेन पुल को बनाने में पैसे की किल्लत का हवाला देकर काम बंद कर दिया था। जिसके बाद बिहार राज्य पथ निर्माण निगम लिमिटेड की तरफ से एजेंसी को बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन बाद में उच्च स्तरीय बैठक में क्या निष्कर्ष निकला कि चुकी इस का लगभग 47% काम पूरा हो चुका है 272 पिलरों का निर्माण हो चुका है और इस पर बैंकों का 400 करोड़ रुपए तक खर्च हो चुके हैं। ऐसी स्थिति में किसी और एजेंसी को काम देना घाटे का सौदा हो सकता है।
विकास आयुक्त के बैठक में यह फैसला लिया गया इसे निर्माण एजेंसी को फिर से काम सौंपा जाए इसके लिए बिहार सरकार अपने स्तर से हस्तक्षेप करके बैंकों से राशि दिलाने की कोशिश करेगी। इतना ही नहीं बैंक भी अब इस परियोजनाओं में राशि देने के लिए सहमति दिखा रहे है। लेकिन पुल बनने के बाद टोल प्लाजा से होने वाली आय में बैंक अपने कर्ज की वसूली करेगा। टोल प्लाजा से पैसे की वसूली के लिए बैंकों ने सरकार से आग्रह किया है कि वह एक बार फिर ट्रैफिक सर्वे कर ले ताकि पता चल सके कि उसे भविष्य में कितनी आमदनी हो सकती है। बता दें की पुल के साथ में 46 किलोमीटर का एप्रोच रोड भी बनना है।