प्रदेश के कई इलाके बाढ़ से पूरी तरह त्रस्त हो चुके हैं। गांव के गांव डूब चुके हैं। उत्तर बिहार के तमाम नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। गंगा का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है लेकिन यह भी तबाही के निशान छोड़ते जा रही है। इधर पिछले दो-तीन दिनों में सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने राहत शिविरों का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि तो को हर संभव राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए।
सीएम ने कहा कि सभी प्रभावित लोगों को राहत मिले, इसके लिए हर जरूरी इंतजाम किए जा रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से बाढ़ प्रभावित प्रति परिवार को 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। साथ ही बाढ़ राहत शिविरों में सभी प्रभावित लोगों के रहने के साधन के साथ-साथ भोजन आदि का प्रबंध किया गया है। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं का विशेष रूप से ख्याल रखा जा रहा है। अगर राहत शिविर में रह रही कोई गर्भवती महिला बेटे को जन्म देती है तो उसे तत्काल ₹10 हजार की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
वही बेटी के जन्म पर ₹15000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
उन्होंने न्यू से कहा कि हमने हवाई सर्वेक्षण के दौरान देखा है कि बहुत अधिक संख्या में लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। इसीलिए राहत शिविरों की संख्या बढ़ाई जाए ताकि प्रभावित लोगों को कोई असुविधा ना हो।