कई दशकों से चली आ रही है रावण वध की परंपरा को जारी रखते हुए इस बार फिर पटना के गांधी मैदान में भव्य तरीके से आयोजन किया जा रहा है। हल्की पिछले 2 दिनों से बारिश ने पूरे प्रदेश का मौसम बिगाड़ रखा है। कई जगह बारिश और जलजमाव से तो खुलकर दशहरा मेला का इंजॉय नहीं कर पाए। हालांकि इससे रावण वध पर असर नहीं पड़ेगा। बारिश की संभावना को देखते हुए रावण, मेधनाद और कुंभकर्ण के पुतलों पर प्लास्टिक वार्निश की गयी है। इसके कारण भगवान राम के चलाए तीर से पुतले धू-धू कर जलेंगे।
67 वीं बार होगा रावण वध।
गांधी मैदान में रावण वध की परंपरा 1954 से चली आ रही है। गांधी मैदान में रावण वध का यह 67वां वर्ष होगा। बीच में कोरोना संक्रमण के कारण 2 वर्षों तक
इसका आयोजन नहीं हुआ था। भगवान राम जब गांधी मैदान में वध के लिए पहुंचेंगे तब भगवान की आरती मुख्यमंत्री करेंगे। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव होंगे।
जलेगा 70 फुट का रावण।
इस बार रावण की लंबाई 70 फुट, कुंभकर्ण की 65 फुट और मेघनाथ पुतले की लंबाई 60 फुट होगा, जो राजस्थानी परिधान में दिखेगा। साथ ही पुतला का मुख दोनों ओर होगा और इस बार रावण के चेहरे पर क्रूरता की झलक लोगों को देखने का मिलेगा। रावण वध वसंपूर्ण रामायण मंचन में गंगा-जमुनी तहजीब की झलक दिखेेगी। रावण के पुतला का निर्माण गया के मो. अमर व टीम कर रही है। जबकि रामायण मंचन में ढोलक पर मो. इमरान व नगाड़ा पर मो. आसिफ योगदान देंगे।