अब प्रदेश के सभी इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक कॉलेज में बायोमेट्रिक सिस्टम से छात्रों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। ऐसे में अब प्रोक्सी लगाकर क्लास बंद करना संभव नहीं होगा। बायोमैट्रिक सिस्टम की निगरानी संस्थान के साथ ही निदेशालय के स्तर से भी की जायेगी। डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (डीएसटी) ने एमआइटी सहित सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के प्राचार्य को पत्र भेजकर नये सत्र से पहले इसकी तैयारी पूरी कर लेने को कहा है।
अब हर हाल रखनी होगी 75% उपस्थिति।
संबंध में डीएसपी से सभी कॉलेजों को निर्देश भेज दिया गया है। राजकीय पॉलिटेक्निक के प्राचार्य डॉ केके सिंह ने बताया कि पहले भी बॉयोमेट्रिक हाजिरी बनती थी, लेकिन रिकॉर्ड संस्थान के स्तर पर सुरक्षित रहता था। अब डीएसटी के स्तर पर निगरानी होगी। बच्चों की नियमित उपस्थिति बढ़ाने को लेकर सख्ती की गयी है। साथ ही, कॉलेज ऑनलाइन उपस्थिति के डाटा से किसी प्रकार का छेड़छाड़ नहीं कर पाएंगे। इससे सरकारी गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन कर पाना संभव होगा।
उपस्थिति कम होने पर परीक्षा से होंगे वंचित।
प्रतिशत से कम उपस्थिति होने पर छात्र परीक्षा से वंचित हो सकते हैं। सरकार की ओर से पहले से ही शिक्षण संस्थानों में 75 प्रतिशत उपस्थिति अनिवार्य कर दी गयी है। हालांकि थोड़ी कम उपस्थिति होने पर भी परीक्षा में शामिल करा लिया जाता था। सरकारी गाइडलाइन के अनुसार कॉलेज में छात्रों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए इस तरह के कड़े नियम बनाए गए हैं।