बिहार के कुछ प्रमुख नेशनल हाईवे पर आए दिन बड़ी संख्या में सड़क दुर्घटनाएं हो रहे हैं। यह सड़कें चौड़ी और अच्छी होने की वजह से वाहन चालक काफी तेज रफ्तार में गाड़ियां चलाते हैं। इस वजह से बड़ी संख्या में दुर्घटनाएं हो रही हैं। प्रदेश में होने वाली कुल सड़क दुर्घटनाओं में 50% इन्हीं 5 नेशनल हाईवे पर हो रहे हैं।अब सरकार इसे रोकने के लिए कई कदम उठाने जा रही है जिसमें आधुनिक उपकरण लगाना प्रमुख है।
इन सड़कों पर हो रही दुर्घटनाएं
बता दें कि जिन नेशनल हाईवे पर दुर्घटनाएं हो रही है
उनमें एनएच-2 का वाराणसी-औरंगाबाद, एनएच-28 का छपरा-बेतिया-लौरिया-बगहा, एनएच-30 का पटना-बख्तियारपुर, एनएच-31 का बरौनी-मुजफ्फरपुर-पिपराकोठी और एनएच-57 का मुजफ्फरपुर-दरभंगा-पूर्णिया खंड शामिल है। करीब 1400 किमी लंबे इन पांच राष्ट्रीय राजमार्गों पर दुर्घटनाओं के 114 हाट स्पाट चिह्नित किए गए हैं।
ओवर स्पीड गाड़ियों का कटेगा चालान।
इन पांचों एनएच पर पहले चरण में प्रत्येक 10 से 15 किमी की दूरी पर स्पीडगन, कैमरा, चालान की प्रति तैयार करने के लिए आवश्यक उपकरण आदि लगाने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए फोरलेन के दोनों ओर उपकरणों को स्थापित करने को कहा गया है। एनएच के पास कंट्रोल रूम भी स्थापित करने को कहा गया है, ताकि ओवर स्पीड गाड़ियों की मानीटरिंग के साथ चालान काटा जाए।
गृह विभाग ने ट्रैफिक आइजी को हाल ही में खरीदे गए 17 इंटरसेप्टर वाहनों को पांचों राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात करने का निर्देश दिया है। इसके लिए आइजी को इंटरसेप्टर वाहनों का लोकेशन तय करने के साथ हैंडहेल्ड डिवाइस भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है, ताकि तत्काल चालान काटा जा सके। इंटरसेप्टर वाहनों में स्पीड गन के साथ अत्याधुनिक कैमरा व स्क्रीन लगी होती है। एनएच से गुजरने वाले वाहनों की गति स्पीड गन मापकर स्क्रीन पर दिखाती है। साथ ही कैमरा गाड़ी के नंबर प्लेट की तस्वीर खींच लेता है।