बिहार के इस जिले बिछेगा एनएच का जाल। बिहार से झारखंड तक बढ़ेगी कनेक्टिविटी।

केंद्र सरकार की तरफ से बिहार को कई सड़क पर योजनाओं की सौगात दी गई है। अब प्रदेश के हर इलाके में बेहतर सड़कों का नेटवर्क फैला हुआ है। आने वाले दिनों में भागलपुर जिले में नेशनल हाईवे का जाल बिछाने जा रहा है। भविष्य में यहां से आधा दर्जन से अधिक नेशनल हाईवे गुजरेंगे। सूबे के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बीच हुई वार्ता में भागलपुर को भारतमाला फेज-2 का लाभ मिलने पर सहमति जतायी गई। इससे अगले पांच साल में एनएच की सड़कों की लंबाई मौजूदा से दोगुनी तक हो जाएगी।

भागलपुर को मिली इन परियोजनाओं की सौगात।

बता दें कि सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (मोर्थ) ने भारतमाला फेज-2 से सुल्तानगंज-देवघर कांवरिया पथ को जोड़ने पर हामी जतायी। इसके अलावा पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का विस्तार बक्सर से भागलपुर तक करने पर भी रजामंदी हुई। भागलपुर में जाम की समस्या को देखते हुए शहर के बाहरी हिस्सों को जोड़ती रिंग रोड भी बनाने पर सहमति बन गई है। इसके एलायनमेंट के टेक्निकल फॉल्ट को दूर करने मोर्थ के अधिकारी जल्द भागलपुर आएंगे।

बिहार से झारखंड तक बढ़ेगी कनेक्टिविटी।

सुल्तानगंज-कटोरिया-देवघर कांवरिया पथ एनएच 33 के नाम से जाना जाता है। यह पहले स्टेट हाइवे था। करीब 43 किमी लंबी इस पथ से सिर्फ श्रावण मेला में ही नहीं बल्कि आम दिनों में भी गाड़ियों का आवागमन होता है। यहां सुल्तानगंज से नोनसर के बीच तीन कठपुलवा पुल है। कठपुलवा पुल होकर वाहन आरपार होता है। यहां बरसात के दिनों में सुल्तानगंज से देवघर वाया असरगंज का संपर्क भंग होने का खतरा बना रहता है। इसे एनएच का रूप देने के बाद से बिहार-झारखंड का सफर आसान हो जाएगा।

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से होगी कनेक्टिविटी।

यूपी-बिहार को जोड़ने वाली पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का विस्तार बक्सर से भागलपुर तक करने की योजना भी है। इसके तहत बक्सर से पटना तक आने वाली तमाम कनेक्टिंग एनएच को एक्सप्रेस-वे मानदंड पर बढ़ाया जाएगा। पटना से मोकामा के रास्ते मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन से इसे कनेक्ट किया जाएगा। यह पूर्वी बिहार क्षेत्र की सबसे बड़ी परियोजना होगी।

रिंग रोड का भी होगा निर्माण।

इसके अलावा शहरी आबादी को जाम से राहत दिलाने के लिए भागलपुर में रिंग रोड का भी निर्माण किया जाएगा।इसके लिए प्रस्ताव यह है कि बरारी के पास से विक्रमशिला सेतु के एप्रोच रोड को जोड़ते हुए करीब पांच किलोमीटर चंपानाला पुल तक नदी पर फोरलेन पुल बनाने का प्रस्ताव है। ताकि नवगछिया से मुंगेर जाने के लिए शहर होकर गुजरने की बाध्यता ही न रहे।