बिहार में हाल के वर्षों में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में कई सकारात्मक बदलाव हुए हैं। बिहार को अपनी जरूरत का अधिकांश बिजली अपने राज्य में ही उत्पादित हो रही है। इस क्षेत्र में जल्द ही बड़ा बदलाव होगा क्योंकि बक्सर जिले के चौसा में 12 हजार करोड़ से अधिक की लागत से सतलुज जल विद्युत निगम (SJVN) द्वारा पावर प्लांट का निर्माण किया जाना है।
8520 करोड़ के कर्ज का रास्ता साफ।
जानकारी के अनुसार 1320 मेगावाट क्षमता के बन रहे पावर प्लांट के लिए 8520.92 करोड़ रुपये का कर्ज मुहैया कराने का रास्ता साफ हो गया है। इस बाबत सोमवार को ऊर्जा मंत्रालय के तहत आने वाली आरइसी लिमिटेड और पावर फाइनांस कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएफसी) ने एसजेवीएन थर्मल प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक कर्ज मुहैया कराने के लिए समझौता किया है। यह समझौता पीएफसी के सीएमडी आरएस ढिल्लन, एसजेवीएन के सीमडी एनएल शर्मा, आरइसी के डायरेक्टर फाइनांस अजय चौधरी, आरइसी टेक्नीकल के डायरेक्टर वीके सिंह और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी में किया गया।
बिहार को मिलेगी 85% बिजली।
बता दें कि एसजेवीएन केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय की एक मिनी रत्न कंपनी है। बक्सर में बन रहा पावर प्लांट ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट है और इसका निर्माण आधुनिक तकनीक से किया जा रहा है। इस योजना की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी थी और योजना का कुल अनुमानित लागत 12172.74 करोड़ रुपये है। इससे पैदा होने वाली 85 फीसदी बिजली बिहार को और शेष 15 फीसदी दूसरे राज्यों को मिलेगी।
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