बिहार के छात्रों को नहीं जाना पड़ेगा बाहर। राज्य के चार नए फार्मेसी कॉलेजों में अगले साल से पढ़ाई शुरू।

बिहार की बदहाल शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए बिहार सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग की पहल पर बिहार के 4 जिलों नालंदा, सिवान, बांका और रोहतास में 4 मई फार्मेसी कॉलेजों की स्थापना की गई है। राज्य में फार्मेसी के पढ़ाई करने के इच्छुक छात्रों को इससे फायदा होगा और फार्मेसी की पढ़ाई के लिए बिहार से होने वाले पलायन पर भी रोक लगेगी।

स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार नए फार्मेसी कॉलेजों में प्रत्येक में 60-60 सीटों पर नामांकन लिया जाएगा। सभी नए फार्मेसी कॉलेजों को डी.फार्मा की पढ़ाई की अनुमति दी गयी है। इस प्रकार, चार नए फार्मेसी कॉलेजों में 240 सीटों पर डी. फार्मा की पढ़ाई होगी। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने सभी चारों नए फार्मेसी कॉलेजों में पढ़ाई शुरू करने की स्वीकृति दी है।

राज्य की राजधानी पटना स्थित बिहार के एकमात्र फार्मेसी कॉलेज में अब स्नातकोत्तर की भी पढ़ाई होगी। फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने फार्मेसी कॉलेज पटना में डी फार्मा, बी फार्मा के अलावा फार्मेसी में पीजी की पढ़ाई के लिए भी स्वीकृति दे दी है।
जानकारी के अनुसार राज्य में वर्तमान में 93 प्राइवेट फार्मेसी कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है। इनमें 83 प्राइवेट फार्मेसी कॉलेजों में डी. फार्मा के साथ ही बी. फार्मा की भी पढ़ाई की जा रही है। शेष में सिर्फ डी. फार्मा की पढ़ाई की जाती है।

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने बिहार के इन चार कॉलेजों में अगले सत्र से फार्मेसी की पढ़ाई शुरू हो जाएगी और अब बिहार के छात्रों को बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।