अभी कुछ महीने पूर्व जमुई जिले में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार मिलने की बात सामने आई थी। वहीं अब एक और उम्मीद से बड़ी खबर आ रही है कि जमुई जिले में लौह अयस्क( आईरन ओर) का विशाल भंडार हो सकता है। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ( जीएसआई) सर्वे का काम कर रही है। सिकंदरा प्रखंड के मंजोष पंचायत में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी जीएसआई की टीम तेजी से सैंपल लेने में जुटी हुई है। जीएसआई की टीम मंजोष के खेतों में भू-छेदन कर सैंपल ले रही है।
पूर्व में भी लिए गए हैं सैंपल।
बताया जाता है कि ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों ने इस पहाड़ी से लोहा निकाला था। इसी संभावना को लेकर बीते कई वर्षों में यहां पर कई बार जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के द्वारा लौह अयस्क की खोज के लिए भू-छेदन कर सैंपल लिए गए पूर्व के सर्वेक्षण में इस इलाके में प्रचुर मात्रा में लौह अयस्क होने की खबर आ चुकी है। मंजोष पंचायत के 8 से 10 किलोमीटर के रेडियस में लौह अयस्क है मिलने की बातें कही जाती हैं।
लौह अयस्क मौजूद होने की बात आई सामने।
पूर्व के सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि यहां कहीं कहीं तो 70 से 80 प्रतिशत लौह अयस्क मौजूद है। बताया जाता है यहां की जमीन में 40 मीटर के बाद ही आयरन ओर मिलना शुरू हो जाता है और 65 मीटर के बाद तो प्रचुर मात्रा में लौह अयस्क मिलता है। बीते 2 सप्ताह से इस पंचायत में जीएसआई की टीम जमीन में दो से ढाई सौ मीटर छेद कर सैंपल ले रही है। इस दौरान आयरन के अलावा सफेद संगमरमर भी निकलते देखा गया।
जीएसआई के अधिकारी खुलकर नहीं दे रहे जानकारी।
फिलहाल बिहार के इस एकमात्र लोहा का खान वाले जगह पर सर्वे कर रहे जीएसआई के अधिकारी खुलकर कुछ भी खुलकर बताने से बच रहे हैं। लेकिन, इस टीम में कार्य कर रहे कर्मियों से यह जानकारी मिली है कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के कोलकाता जोन की टीम के द्वारा यहां लोहे के सैंपल लिए जा रहे हैं। इसकी जांच धनबाद में करवाई जाएगी।