बिहार के दो और स्थानों पर लगेगा फ्लोटिंग सोलर प्लांट। बेहतर होगी बिजली की आपूर्ति।

कभी बिजली को तरसने वाले बिहार में आज ग्रामीण क्षेत्रों में भी निर्बाध रूप से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। आज प्रदेश के दुर दराज के ग्रामीण इलाके भी रोशनी से जगमगाते रहते हैं। हाल ही में औरंगाबाद के नबीनगर में एनटीपीसी की तीसरी इकाई भी बन कर तैयार है। इसके आलवा दरभंगा में प्रदेश का पहला फ्लोटिंग सोलर प्लांट भी शुरू हो चुका है। अब राज्य के दो और जगहों पर सोलर प्लांट लगाने की योजना है।

इन स्थानों पर लगाया जाएगा प्लांट।

जानकारी के अनुसार फुलवरिया में 20 व दुर्गावती में 30 मेगावाट की क्षमता का प्लांट नवादा का फुलवरिया डैम रजौली के समीप है। नवादा से इसकी दूरी 30 किमी के करीब है। डैम के बीच कई टापू भी हैं। वर्ष 1985 में इस डैम का निर्माण कार्य पूरा हुआ था। इस डैम में 20 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाए जाने की योजना आगे बढ़ी है। दुर्गावती डैम कैमूर जिले में स्थित है। इसकी ऊंचाई 46.3 मीटर है और लंबाई लगभग 1615.4 मीटर है। यहां 30 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। जहानाबाद के उदेरास्थान बराज में भी नहर के समीप फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा।

अगले वर्ष 410 मेगावाट सोलर बिजली का होगा उत्पादन।

अगले वर्ष बिहार में 410 मेगावाट सोलर ऊर्जा को हो जाएगा इजाफा। हाल ही में बिजली कंपनी ने भारतीय सौर ऊर्जा निगम के साथ 210 मेगावाट बिजली क्रय का करार किया है। अगले वर्ष के आखिर तक यह बिजली मिलनी शुरू हो जाएगी। इससे 630 मिलियन टन कार्बनडाइआक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। इसी तरह सतलज जल विद्युत निगम के साथ 200 मेगावाट बिजली क्रय के लिए बिजली कंपनी ने करार किया है। यह बिजली भी अगले वर्ष के आखिर में मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके तहत जमुई में 175 तथा बांका में 25 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा उत्पादन इकाई लगेगी।