केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने हाल ही में कहा है कि वे बिहार के सड़कों को अमेरिका की तरह बनाएंगे। इस वक्त बिहार में दर्जनों नेशनल हाईवे परियोजनाओं पर काम चल रहा है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश के गोरखपुर को सिलीगुड़ी से जोड़ने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का 80% से अधिक हिस्सा भी बिहार से होकर गुजरेगा। यह एक्सप्रेसवे प्रदेश के 11 जिलों से होकर गुजरेगी।
9 जिलों से गुजरने के मिल चुकी है मंजूरी।
जानकारी के अनुसार फिलहाल इस एक्सप्रेस-वे को नौ जिलों से होकर गुजरने की केंद्र से सैद्धांतिक मंजूरी मिल चुकी है। इसमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सुपौल, फारबिसगंज और किशनगंज जिले शामिल थे। अब दो अन्य जिले मधेपुरा और सहरसा से होकर भी इस एक्सप्रेस-वे को ले जाने की राज्य सरकार ने केंद्र से मांग की है।
डीपीआर हो रही है तैयार।
इस संबंध में हाल ही में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के समक्ष प्रस्ताव रखा है। इस पर केंद्रीय मंत्री ने विचार करने का आश्वासन दिया है। फिलहाल इसकी विस्तृत प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बन रही है और इसी साल निर्माण शुरू कर 2025 तक पूरा करने की समय-सीमा है।
तीन राज्यों के बीच बढ़ेगी कनेक्टिविटी।
बता दें कि तीन राज्यों को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेस-वे की लंबाई करीब 600 किमी है। इसका अधिकतर हिस्सा करीब 416 किमी की लंबाई में बिहार से होकर गुजरेगा। इसका पूरा हिस्सा ग्रीन फील्ड होगा यानी कि कोई पुरानी सड़क इसमें शामिल नहीं होगी। इस सड़क के बनने के बाद यूपी बिहार और बंगाल के बीच आवागमन बेहतर तो होगा ही साथ ही व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा।