एनजीटी के आदेश के अनुसार पिछले 4 महीनों से बिहार में बालू खनन बंद है। हालांकि कुछ स्थानों पर अवैध खनन किया जा रहा था जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए कई वाहनों को जप्त किया। राज्य के 35 जिलों के 900 बालू घाट अक्तूबर के पहले सप्ताह में नये बंदोबस्तधारियों के सुपुर्द हो जायेंगे। इसके साथ ही अक्तूबर महीने में ही इन सभी बालू घाटों से खनन शुरू हो जायेगा। खान एवं भूतत्व विभाग के निर्देश पर सभी जिलों ने बंदोबस्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
अब सरकार के पास आएगा दुगना राजस्व।
विज्ञापन के माध्यम से इ-टेंडर के आवेदन मांगे जाने लगे हैं। फिलहाल बालू घाटों से खनन जून से बंद है। अब नये तरीके से बंदोबस्ती होने से सरकार के राज्य में करीब डेढ़ से दो गुना तक राजस्व बढ़ोतरी होने की संभावना है। इसके साथ ही राज्य के सभी हिस्सों में बालू की उपलब्धता बढ़ जायेगी। इसका फायदा आम लोगों को होगा, उन्हें उचित कीमत पर बालू मिल सकेगा। निर्माण कार्यों में बढ़ोतरी होने से रोजी-रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
इस बार दुगने बालू घाटों पर होगा बालू खनन।
बता दें कि फिलहाल कटिहार, अररिया और शेखपुरा जिलों में बालू घाटों की बंदोबस्ती नहीं होगी। इससे पहले मई 2022 तक केवल 16 जिलों के करीब 435 बालू घाटों से खनन होता था। इस वर्ष लगभग 900 घाटों पर बालू खनन होगा। इससे बालू की किल्लत नहीं होगी।
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