निर्माण कार्यों के अति महत्वपूर्ण तत्व बालू का बिहार में बड़े पैमाने पर खनन होता है जिससे प्रदेश के साथ-साथ दूसरे राज्यों की भी जरूरतें पूरी होती है। लेकिन आज से इस खनन पर रोक लगने जा रही है। अब नये जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) के आधार पर जिला प्रशासन के माध्यम से सभी 38 जिले के नदी घाटों की फिर से बंदोबस्ती होगी।
चार महीने बंद रहेगा बालू खनन।
इससे पहले ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के अनुसार हर साल जुलाई से सितंबर तक नदियों में बालू खनन प्रतिबंधित था। अब नये आदेश के अनुसार बालू खनन करीब चार महीने तक बालू खनन बंद रहने की संभावना है। हालांकि इस समयावधि के लिए खान एवं भूतत्व विभाग ने राज्य में पर्याप्त मात्रा में बालू की उपलब्धता का दावा किया है। हालांकि फिर से बालू खनन शुरू नहीं होने तक राज्य सरकार को राजस्व नहीं मिल सकेगा।
पहले से चल रही थी बालू स्टॉक करने की तैयारी।
बता दें कि फिलहाल राज्य के 16 जिलों में बालू खनन हो रहा था। वहां के नदी घाटों की बंदोबस्ती की गई थी और खान एवं भूतत्व विभाग ने सभी बंदोबस्तधारियों से 31 मई तक ही राजस्व लिया था। विभाग ने इससे पहले अपने सभी स्टॉकिस्ट सहित निर्माण विभागों को बालू जमा करने का निर्देश दिया था। ऐसे में मानसून की समयावधि को देखते हुये पहले से ही बालू के भंडारण की तैयारी चल रही थी।
बंदोबस्ती पूरी होने के बाद शुरू होगा खनन।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने अपने नवंबर 2021 के आदेश में सभी जिलों को नदी घाटों के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट (डीएसआर) बनाकर पेश करने के लिए कहा था। सभी 38 जिलों का डीएसआर बन चुका है और इन पर पर्यावरणीय मंजूरी मिल चुकी है। ऐसे में अब नदी घाटों की बंदोबस्ती टेंडर के माध्यम से करवाने की प्रक्रिया जिला प्रशासन के माध्यम से होनी है। बंदोबस्ती की प्रक्रिया पूरी होने और बंदोबस्तधारियों का चयन होने के बाद बालू का खनन शुरू हो सकेगा।