बिहार में इस साल 6 नदी जोड़ परियोजना पर होगा काम। बढ़ेगी सिंचाई सुविधा और बाढ़ से भी मिलेगी राहत।

राज्य में एक तरफ उत्तर बिहार में बाढ़ से बुरे हालात रहते हैं तो दूसरी तरफ कई इलाकों में सिंचाई का पानी भी नहीं उपलब्ध होता है। सरकार ने इन दोनों का एक हल निकाला है। इसके लिए कई नदियों को आपस में जोड़ने की योजना है। इनमें करीब 15 नदियां शामिल हैं। नदियों को आपस में जुड़ने से बाढ़ के दौरान आने वाला पानी बंट जायेगा। इससे बाढ़ से सुरक्षा भी होगी और सिंचाई की क्षमता में बढ़ोतरी होगी। इस साल इनके सर्वेक्षण का काम पूरा हो जाएगा।

इन जिलों में शुरू होना है काम।

बता दें कि इनमें मुख्य रूप से बेगूसराय, समस्तीपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण, जहानाबाद, गया, नालंदा, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण, सीवान, गोपालगंज, वैशाली, पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और अररिया जिला शामिल हैं। पिछले दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नदी जोड़ योजनाओं पर जल्द काम शुरू करने का निर्देश दिया था। उनके निर्देश पर जल संसाधन विभाग की अभियंताओं की टीम इस काम में जुटी है।

इन नदी जोड़ योजना पर होगा काम।

कोसी-मेची लिंक परियोजना, फल्गु-पैमार लिंक योजना, बागमती-बेलवाधार-बूढ़ी गंडक लिंक योजना, गंडक-छाडी- दाहा-घाघरा लिंक योजना, गंडक-माही-गंगा लिंक योजना व त्रिशुला-बलान लिंक योजना शामिल हैं। इन सभी छह नदी जोड़ योजनाओं में सबसे बड़ी कोसी-मेची लिंक परियोजना है। इसे राज्य सरकार ने राष्ट्रीय योजना की मान्यता देने की केंद्र सरकार से मांग की है। राष्ट्रीय योजना का दर्जा मिलने से इस योजना में केंद्र सरकार 90 फीसदी खर्च वहन करेगी। वहीं, राज्य सरकार को 10 फीसदी खर्च वहन करना हाेगा। इस परियोजना के पूरा होने से पूर्णिया, किशनगंज और अररिया जिले में सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी।