बिहार में दर्जनों सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है। हालांकि कई परियोजनाएं अपने निर्धारित समय सीमा से विलंब चल रही है। इसी को लेकर 31 मई को केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी केंद्र के सहयोग से चल रही सड़क परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे। समीक्षा बैठक के बाद अधिकारियों को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए जा सकते हैं। हालांकि पटना हाई कोर्ट भी लगातार इन परियोजनाओं के लेट होने को लेकर हस्तक्षेप कर रहा है जिसके बाद निर्माण कार्य में तेजी आई है।
एक साल के अंदर पूरी होंगी ये परियोजनाएं।
1.) औरंगाबाद वाराणसी एनएच -2 का सिक्स लेन।
सिक्सलेन वाराणसी-औरंगाबाद एनएच-2 की कुल लंबाई करीब 192.4 किमी है। इसमें से बिहार में करीब 135.4 किमी और उत्तर प्रदेश में करीब 57 किमी लंबाई है। इसका निर्माण 2011 में शुरू और 2014 में पूरा होने का लक्ष्य रखा गया था। इसका निर्माण करीब 2848 करोड़ रुपये की लागत से 2023 तक पूरा होने की संभावना है। सड़क बनने पर बिहार से उत्तर प्रदेश आने-जाने में सुविधा होगी।
2.) मझौलिया- चोरौत एनएच -527 C
बता दें कि दो लेन मंझौलिया-चोरौत एनएच-527सी का निर्माण करीब 64 किमी लंबाई में करने की मंजूरी 2013 में मिली, लेकिन करीब 537 करोड़ की लागत से पांच नवंबर, 2019 से इसका निर्माण शुरू हुआ। इसे पूरा करने की समय-सीमा चार नवंबर, 2021 थी, लेकिन अब भी इसका निर्माण चल रहा है। इसे इसी साल पूरा होने की संभावना है।
3.) पटना – गया – डोभी फोर लेन एनएच -83
फोरलेन पटना-गया-डोभी एनएच-83 का करीब 127 किमी लंबाई में 2015 में निर्माण शुरू हुआ था और इसे 2018 में पूरा करने का लक्ष्य था। जमीन अधिग्रहण की वजह से इसमें देर हुई। करीब 1609 करोड़ रुपये की लागत से इसका निर्माण फिर से 2020 से शुरू हुआ और दिसंबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य है। हालांकि, अब इसे मार्च 2023 में पूरा होने की संभावना जतायी जा रही है। इसके निर्माण के बाद गया, पटना और जहानाबाद जिलों को सीधा फायदा होगा साथ ही पटना से गया के रास्ते झारखंड जाना भी आसान होगा।