बिहार में गंगा नदी पर कई पुलों का निर्माण होना है। इसमें से ही एक महत्वपूर्ण कच्ची दरगाह- बिदुपुर सिक्स लेन ब्रिज है। अगले 2 सालों में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा। बीच में इसका निर्माण कई कारणों की वजह से बंद हो गया था लेकिन फिर से निर्माण कार्य में तेजी आ गई है। बताया जा रहा है कि इसे 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। राघोपुर दियारा की तरफ एप्रोच का निर्माण भी लगभग पूरा हो चुका है। अब बख्तियारपुर की तरफ फ्लाइओवर और एप्रोच रोड बनाया जायेगा। फिलहाल एक्स्ट्रा डोज केबल डालने का काम किया जा रहा है।
कई सड़कों से हो गई इसकी कनेक्टिविटी।
बता दें कि इसकी कनेक्टिविटी बख्तियारपुर फोरलेन से होगी। वहीं आने वाले कुछ सालों में आमस-दरभंगा नयी फोरलेन सड़क की कनेक्टिविटी भी इस पुल से हो जायेगी। ऐसे में कच्ची दरगाह से बिदुपुर सिक्सलेन पुल उत्तर और दक्षिण बिहार को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।
इस पुल से नवादा, मुंगेर या नालंदा से आने वाली गाड़ियों को उत्तर बिहार जाने के लिए पटना आने की जरूरत नहीं होगी। दक्षिण बिहार से उत्तर बिहार आवागमन में करीब 60 किमी की दूरी कम हो जायेगी। साथ ही जेपी सेतु, महात्मा गांधी सेतु और राजेंद्र सेतु पर गाड़ियों का दबाव कम हो जायेगा। इस रास्ते झारखंड के इलाके से उत्तर बिहार होते हुए नेपाल सीमा तक पहुंचना आसान होगा।
10 किलोमीटर लंबे पुल का होना है निर्माण।
करीब 4988 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना में मुख्य पुल की लंबाई करीब 9.76 किमी और एप्रोच सहित कुल लंबाई करीब 22.76 किमी होगी। यह पुल 67 पायों पर केबल के सहारे होगा। इसमें दो पायों के बीच की 160 मीटर की दूरी के बीच का स्ट्रक्चर केबल पर लटका होगा। मानसून और बाढ़ के दौरान गंगा के अधिकतम जलस्तर से 12 से 13 मीटर के करीब ऊंचाई होगी।
निर्माण एजेंसी की वित्तीय स्थिति खराब होने के कारण बीच में कार्य रुक गया था। इसे अब फिर से चालू किया जा रहा है। पिछले दिनों राज्य के मंत्रिमंडल ने निर्माण एजेंसी को 935 करोड़ रुपए लोन देने का फैसला लिया था।