बिहार में पुलों का बिछाया जा रहा जाल। सिर्फ गंगा नदी पर होंगे 14 पुल। अन्य नदियों पर 6 पुलों का चल रहा निर्माण।

कुछ वर्षों पूर्व तक बिहार के अधिकांश इलाकों में नदियों को पार करने के लिए नाव ही एकमात्र सहारा था। लेकिन अब प्रदेश में दर्जनों के हिसाब से पुल बन चुके हैं। वर्तमान में अकेले गंगा नदी पर ही केंद्र की मदद से आधा दर्जन से अधिक पुलों का निर्माण चल रहा है। बिहार की दूसरी बड़ी नदियों में से एक कोसी पर जहां महज एक पुल हुआ करता था, वहां अब तीन-तीन पुलों का निर्माण चल रहा है। इन नदियों पर पुल के बन जाने के कारण बिहार के किसी कोने से पटना पहुंचना अब बेहद आसान हो गया है।

गंगा नदी पर हो जाएंगे 14 पुल।

अगले कुछ वर्षों में बिहार में गंगा नदी पर 14 पुल होंगे. इनमें पांच पुलों पर आवागमन चालू है. छह और पुल बनाये जा रहे हैं, जो 2025-26 तक बन कर तैयार हो जायेगा। केंद्र सरकार द्वारा बिहार व झारखंड में गंगा नदी पर मनिहारी -साहेबगंज के बीच फोर लेन पुल के निर्माण का टेंडर जारी किया है। यह पुल देश का दूसरा सबसे बड़ा पुल होगा। इसकी लंबाई छह किलोमीटर है। गंगा नदी पर वर्तमान में पांच पुल पर आवागमन चालू है। पटना में महात्मा गांधी सेतु व विक्रमशिला सेतु केवल सड़क पुल है, जबकि मोकामा में राजेंद्र सेतु रेल सह सड़क पुल, मुंगेर में रेल सह सड़क पुल व दीघा-सोनपुर के बीच रेल सह सड़क पुल है।

इन सड़कों का हो रहा निर्माण।

आरा बबुरा-डोरीगंज छपरा- 4. 50 किलोमीटर- 676 करोड़ खर्च

बख्तियारपुर- ताजपुर फोर लेन सड़क पुल – गंगा- 5. 52 किलोमीटर- – 1602 करोड़

कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन सड़क पुल-गंगा – 9. 75 किलोमीटर- 5000 करोड़

सुल्तानगंज-अगुवानी फोर लेन सड़क पुल -गंगा- 3. 16 किलोमीटर

मनिहारी-साहेबगंज फोर लेन सड़क पुल -गंगा- 6 किलोमीटर – 1906 करोड़

इन पुलों का भी है प्रस्ताव।

महात्मा गांधी सेतु के समानांतर अप स्ट्रीम में 5. 5 किलोमीटर नया सड़क पुल. पुल के निर्माण पर लगभग 5000 करोड़ खर्च अनुमानित ।

राजेंद्र सेतु के समानांतर डाउन स्ट्रीम में नया रेल सह सड़क पुल।

विक्रमशिला सेतु के समानांतर नये सड़क पुल।