एक तरह बिहार में उद्योग धंधों को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के उद्योग मंत्री का यह भी प्रयास है कि राज्य के युवा खुद का अपना नया व्यवसाय या स्टार्टअप शुरू करके दूसरे लोगों को भी रोजगार दें और प्रदेश की तरक्की में हाथ बढ़ाएं। इसके लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए उद्योग विभाग द्वारा बिहार में स्टार्ट-अप पॉलिसी 2022 लॉन्च कर दिया गया है। इसके साथ ही स्टार्ट-अप पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया।
बिना ब्याज मिलेगा 10 लाख का लोन।
बिहार के उद्योग मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने बताया की इस पॉलिसी के तहत चुने गये प्रत्येक स्टार्ट अप्स को 10 लाख रुपये का सीड फंड दिया जाएगा। इस फंड पर 10 साल तक किसी तरह का ब्याज नहीं लगेगा। इस पॉलिसी के तहत यह सारी सुविधा सिर्फ बिहार के रहने वाले स्टार्ट उप निवेशकों को दी जाएगी। उद्योग मंत्री कहा कि इस पॉलिसी के कारण अब बिहार की प्रतिभाएं स्टार्टअप के जरिये प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गति देने में भागीदार हो सकेंगी। बिहार इस क्षेत्र में भी देश में शीर्ष राज्यों में शुमार किया जायेगा। युवा प्रतिभाओं को चाहिए कि पोर्टल पर पंजीयन करा कर स्टार्ट अप पॉलिसी का फायदा उठाएं।
ऑनलाइन होगी सारी प्रक्रिया।
उद्योग मंत्री शाहनवाज ने बताया कि स्टार्ट अप पॉलिसी के तहत आवेदन से लेकर मंजूरी तक की समूची प्रक्रिया ऑन-लाइन डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ही होंगी। स्टार्ट अप आइडिया के आवेदन के लिए हर तीन माह बाद एक- एक माह का समय दिया जायेगा। आवेदन प्रक्रिया के 60 दिन के अंदर मंजूर किये गये स्टार्टअप निवेशक को जरूरी सीड राशि प्रावधान के अनुरूप दी जायेगी। स्टार्टअप मंजूरी तक की प्रक्रिया पूरी तरह समयबद्ध रखी गयी है।
स्टार्टअप पॉलिसी की प्रमुख बातें।
स्टार्ट अप्स को एक्सीलरेशन प्रोग्राम में हिस्सा लेने के लिए 3 लाख तक का अनुदान
स्टार्ट अप कंपनी को एंजेल निवेशकों से वित्तीय मदद मिलती है तो उन्हें मिलेगा दो फीसदी सफलता शुल्क
एंजेल इन्वेस्टर (ऐसे पूंजीपति या पैसे वाले जो स्टार्ट अप्स में वित्तीय निवेश करते हैं) से आर्थिक मदद पाने वाले स्टार्ट अप को उसे स्टार्ट अप फंड ट्रस्ट से मिलेगा मैचिंग लोन
इंक्यूवेशन सेंटर्स (प्रारंभिक इकाई को शुरुआती दौर में असफल होने से बचाने वाली संस्था) की तरफ से स्टार्टअप्स विशेष प्रोत्साहन (हैंड होल्डिंग )और मदद (नर्सरिंग ) के लिए प्रति स्टार्ट अप मिलेंगे दो लाख रुपये
अगर कोई स्टार्ट अप इंक्यूबेटर्स की मदद से एंजेल फंड हासिल करता है तो उस इंक्यूबेटर को दो फीसदी सेक्सेज शुल्क का प्रावधान है।