छठें चरण में प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक सवा लाख शिक्षकों का नियोजन अगस्त से पहले होगा। इसके बाद माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में सातवें चरण का नियोजन होगा। इसमें 37 हजार से अधिक पदों पर शिक्षकों का नियोजन होना है। हालांकि, छठें और सातवें चरण के नियोजन के बाद भी प्रदेशभर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी रहेगी।
ऐसा नहीं है कि टीईटी और एसटीईटी अभ्यर्थी की कमी हो जाएगी। अभ्यर्थी तो रहेंगे लेकिन उनके लिए सीटें खत्म हो जाएंगी। या सीटें रहेंगी लेकिन संबंधित विषय के लिए अभ्यर्थी ही नहीं रहेंगे। ऐसी स्थिति एक नहीं बल्कि कई विषयों में होने वाली है। ऐसे में बिहार बोर्ड द्वारा लिये गये एसटीईटी 2019 में उत्तीर्ण होने के बाद भी अभ्यर्थियों को शिक्षक बनने के के लिए बहुत इंतजार करना पड़ेगा।
माध्यमिक में 28 हजार 832 अभ्यर्थी को करना पड़ेगा इंतजार : एसटीईटी 2019 में माध्यमिक स्तर की बात करें तो क्वालिफाई होने के बाद भी 28 हजार 832 अभ्यर्थियों को नियोजन का इंतजार करना पड़ेगा। वहीं उच्च माध्यमिक में 17 हजार 279 अभ्यर्थी नियोजन से बाहर रहेंगे। चूंकि जितनी सीटें हैं उससे दुगुने से अधिक अभ्यर्थी क्वालिफाई हुए हैं। ज्ञात हो कि सातवें चरण के लिए 37 हजार रिक्त पद हैं लेकिन 80 हजार से अधिक अभ्यर्थी क्वालिफाई हुए है।
सीटें रहेंगी खाली
– उत्तीर्ण होने पर भी माध्यमिक में 28 हजार और उच्च माध्यमिक में 17 हजार अभ्यर्थियों को करना होगा इंतजार
– विषयवार शिक्षकों की कमी झेलेंगे स्कूल और नियाजन इकाइयां
हजार से अधिक शिक्षकों का नियोजन सातवें चरण में होगा
इन विषयों में शिक्षकों की कमी
विषय जरूरत सीटें रह जाएंगी खाली
भौतिकी 2384 1570
केमिस्ट्री 2221 1117
मैथिली 106 52
गणित 2104 994
अंग्रेजी 5055 492