बिहार सरकार को नहीं मिल रहे इन विषयों के शिक्षक। टीचर बनना है तो इन सब्जेक्ट में करें बीएड।

बिहार में शिक्षक भर्ती के लिए अलग-अलग चरण में नियोजन प्रक्रिया चल रही है। लेकिन बावजूद इसके बिहार सरकार को कई विषयों के शिक्षक नहीं मिल पा रहे हैं।  छठे चरण के शिक्षक नियोजन में 30 जुलाई को सिर्फ 1850 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे गये हैं, जबकि 30864 पद फिलहाल खाली रह गये। दरअसल, कुल 32,714 रिक्तियों में से मात्र छह फीसदी पद ही भरे जा सके।

इन विषयों के नहीं मिल रहे शिक्षक।

बता दें कि बिहार सरकार को विज्ञान, गणित और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं मिल पा रहा है। अधिकांश खाली रह गए पदों में इन्हीं सब्जेक्ट के पद खाली हैं।
इन विषयों के एसटीइटी पास अभ्यर्थी न के बराबर हैं। हालांकि अभी दो दर्जन से अधिक बड़े नगर निकायों और अधिकतर जिला परिषदों में काउंसेलिंग होना बाकी है। इसके बाद ही पता चल सकेगा कि असल नियुक्तियां कितनी हो सकीं और कितने पद खाली रह गये। जिन नगर निकायों या जिला परिषदों में काउंसेलिंग प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है, वहां प्रशासकों की नियुक्ति हो जाने के बाद अब वहां 26 अगस्त को नियुक्ति पत्र बांटे जायेंगे।

दूसरी तरफ,उच्च माध्यमिक स्कूलों की स्थिति तो और भी खराब है। यहां कुल 19,389 पदों के लिए हुई काउंसेलिंग में सिर्फ 448 पदों पर ही योग्य शिक्षक मिल सके हैं। जानकारों के मुताबिक बिहार के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों में अब भी विभिन्न विषयों के अधिकतर पद खाली रहने की आशंका है।

इस वजह से खाली रह गए पद।

प्रदेश के माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूूलों के लिए छठे चरण में 32,714 रिक्त पदों की गणना मई 2019 के आधार पर की गयी थी। यह नियुक्तियां 2011 की एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए थीं। हालांकि बाद में 2019 तक उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भी पात्र माना गया. जानकार बताते हैं कि उस समय के एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी कम थे। गणित, भौतिक विज्ञान,रसायन विज्ञान, जंतु विज्ञान, वनस्पति विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों में एसटीइटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों की संख्या ही न के बराबर थी। जो कुछ थे भी वह दस सालों में दूसरे जॉब में चले गये। यही वजह रही कि उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए रिक्त 19,389 में से केवल 448 ही अभ्यर्थी चयनित हो सके।