गोरखपुर से हटिया को जाने वाली मौर्य एक्सप्रेस के सभी कोच बुधवार से एलएचबी (लिक हाफमेन बुश) कर दिए गए हैं। एलएचबी रैक लगने से यात्रियों को काफी सहूलियत होने लगी है। यह एलएचवी कोच यात्रियों के लिए पूरी तरह से सुरक्षित है। साथ ही सभी बोगी को आकर्षक रंग- रूप दिए जाने से ट्रेन राजधानी जैसी दिखने लगी है।
पारंपरिक पुराने कोच को हटाकर गोरखपुर-हटिया मौर्य एक्सप्रेस में बुधवार से एलएचबी कोच लगाए गया। जबकि नौ जून को हटिया-गोरखपुर मौर्य एक्सप्रेस भी एलएचबी कोच के साथ चलेगी। इसमें आरामदेह सीट के साथ चार्जिंग प्वाइंट, पंखे और ब्रेक प्रणाली पहले की तुलना में अच्छे होंगे। इस ट्रेन में 21 कोच होगा। मिली जानकारी के अनुसार एलएचबी कोच के स्लीपर कोच में 80 बर्थ होते हैं, जबकि पुराने कोच में बर्थ की संख्या 72 है। अब एसी टू में बर्थ की संख्या बढ़कर 46 व एसी थ्री की संख्या 78 हो गई। इसमें अतिरिक्त अधिक स्पेस रहने तथा मोबाइल-लैपटाप चार्जिंग आदि की सुविधा से भी यात्रियों सुविधा मिलेगी।
हादसे में इसमें जानमाल का नुकसान कम :
एलएचबी कोच में यात्रियों को ट्रेनों की तेज स्पीड में भी झटका नहीं लगता है। हादसे में इसमें जानमाल का नुकसान कम होता है। कोच की खासियत यह होती है कि ट्रेन दुर्घटना में एक कोच दूसरे पर नहीं चढ़ती। फिलहाल यह कोच अब लगभग महत्वपूर्ण ट्रेनों में लगनी शुरू हो गई है। एलएचबी कोच में यात्रा काफी आरामदायक होती है।