कोरोना महामारी के दौरान रेलवे द्वारा कई तरह की रियायतों को खत्म कर दिया गया था। इसी में से एक था वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली रियायत। सरकार ने इसे हमेशा के लिए खत्म कर लेने का मन बना लिया था लेकिन मीडिया में सवाल उठने और लोगों के भारी विरोध के बाद सरकार इसे फिर से लागू करने पर विचार कर रही है।
संसद की एक स्थायी समिति ने ट्रेन के एसी-3 और स्लीपर श्रेणी के किराए में वरिष्ठ नागरिकों को रियायत देने पर विचार करने का सुझाव दिया है। समिति ने कहा कि लगभग ढाई साल पहले कोविड महामारी के दौरान वरिष्ठ नागरिकों की विभिन्न श्रेणियों में खत्म की गई रियायतों की पुन समीक्षा की जानी चाहिए।
स्लीपर और थर्ड एसी में मिलेगी रियायत।
रेल संबंधी संसद की स्थायी समिति के अध्यक्ष राधा मोहन सिंह ने हाल में संसद में पेश रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है। समिति ने कहा, रेलवे ने महामारी और कोविड प्रोटोकॉल के मद्देनजर वरिष्ठ नागरिकों को विभिन्न श्रेणी में दी जाने वाली रियायत बंद कर दी थी। इसमें 58 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को रेल किराये में 50 फीसदी और 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के पुरुषों को 40 फीसदी रियायत दी जाती थी। समिति ने कहा कि रेलवे अब सामन्य स्थिति की ओर आगे बढ़ रही है, इसलिए उन्हें विभिन्न श्रेणियों में दी जाने वाली रियायतों पर विवेकपूर्ण विचार करना चाहिए। समिति चाहती है कि कोविड से पूर्व वरिष्ठ नागरिकों को दी जा रही रियायत की समीक्षा की जाए और कम से कम स्लीपर, एसी-3 में तत्काल रियायत देने पर विचार किया जाए।