बिहार में पिछले कई सालों से पूर्ण शराबबंदी है। सरकार में रहते वक्त भाजपा ने भी इसका समर्थन किया और कानून का पालन कराने में मदद करते रहे। लेकिन भाजपा के एक एमएलसी के साथ खेला हो गया जब वो शराब पिए पकड़े गए अपने एक डॉक्टर दोस्त को छुड़ाने पहुंचे तो जांच में खुद भी शराब पिए हुए पाए गए। ये जनाब हैं बीजेपी के एमएलसी देवेश कुमार। उनपर शराब पीने का न सिर्फ आरोप लगा है बल्कि आरोप की पुष्टि भी हो गई है।
जांच में हुई शराब पीने की पुष्टि।
दरअसल सड़क हादसे के बाद शराब के नशे में पकड़े गये एक डॉक्टर संजय चौधरी का करीबी बताकर पाटलिपुत्र थाने पहुंचे बीजेपी के एमएलसी देवेश कुमार के ब्लड और यूरिन सैंपल की रिपोर्ट सामने आ गयी है।
एफएसएल रिपोर्ट में एमएलसी के शराब पीने की पुष्टि हुई है। इसका पता चलने के बाद उन्होंने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर वहां से जमानत ली। इसकी जानकारी पाटलिपुत्र थाने व पटना पुलिस के आलाधिकारियों को भी है। हालांकि देवेश कुमार पूर्व में शराब पीने की बात से इनकार कर रहे थे। देवेश कुमार मूल रूप से समस्तीपुर जिले के पूसा थानांतर्गत महमुदपुर देवपार के रहने वाले हैं।
ये है पूरा मामला।
यह मामला सात जुलाई की रात का है पाटलिपुत्र सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क के पीछे अटल पथ पर डॉक्टर ने एक दूसरी गाड़ी में टक्कर मार दी थी। डॉक्टर ने दूसरी गाड़ी के चालक से समझौता कर लिया। पुलिस ने डॉक्टर संजय को शराब के नशे में पाकर थाने ले आयी थी। उस मामले में एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें विधान पार्षद को शराब के नशे में बताया गया था। आरजेडी ने इस मसले को तब जोर शोर से उठाया था और नीतीश कुमार पर हमला किया था।