2025 से बुद्ध सर्किट से जुड़ी सड़कों पर शुरू हो जाएगा आवागमन। देखिए किन सड़कों का हो रहा निर्माण।

देश में महात्मा बुद्ध से जुड़े कई सारे स्थल मौजूद है।सरकार इन जगहों पर पर्यटन को बढ़ाने के लिए बुद्ध सर्किट का निर्माण कर रही है जिससे यह सभी पर्यटन स्थल बेहतर सड़क नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। इस सर्किट से जुड़े सड़कों पर 2025 से आवागमन शुरू होने की संभावना है। इस सर्किट के तहत पांच मुख्य सड़कों का निर्माण हो रहा है। इनमें पटना-गया-डोभी रोड, आमस-दरभंगा एक्सप्रेस वे, पटना रिंग रोड में रामनगर से कच्ची दरगाह, दरियापुर-मनिकपुर -साहेबगंज-अरेराज-बेतिया सड़क सहित गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ सड़क शामिल हैं।

प्रमुख बौद्ध स्थलों तक पहुंचना होगा आसान।

बता दें कि इन सड़कों के माध्यम से राज्य में मौजूद भगवान बुद्ध से जुड़े प्रमुख स्थलों तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। इससे राज्य में पर्यटन का विकास होगा। फिलहाल राज्य में प्रमुख बुद्ध स्थल बोधगया, नालंदा, राजगीर, वैशाली और केसरिया हैं. इस बुद्ध सर्किट का जुड़ाव उत्तर प्रदेश के बुद्ध सर्किट से भी होगा। उत्तर प्रदेश के बुद्ध सर्किट के तहत सारनाथ, श्रावस्ती, कुशीनगर, कौशांबी और कपिलवस्तु मुख्य रूप से जुड़ेंगे।

इन सड़कों का होगा निर्माण।

पटना-गया-डोभी फोरलेन एनएच-83 सड़क का निर्माण करीब 127 किमी लंबाई में करीब 1610 करोड़ रुपये की लागत से मार्च 2023 तक पूरा होने की संभावना है। वहीं, एनएच-119डी आमस-दरभंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण करीब 198 किमी लंबाई में करीब 6927 करोड़ रुपये की लागत से 2024 तक तक पूरा होने की संभावना है। इसके साथ ही करीब 13 किमी की लंबाई में पटना रिंग रोड में रामनगर से कच्ची दरगाह तक फोरलेन सड़क निर्माण के लिए डीपीआर बन रही है।

इससे अलग एनएच-139डब्ल्यू दरियापुर-मनिकपुर-साहेबगंज-अरेराज-बेतिया फोरलेन सड़क करीब 167 किमी लंबाई में बनाने के लिए डीपीआर बन रही है। दोनों सड़कों का निर्माण इसी साल शुरू होने और 2025 तक पूरा होने की संभावना है. इसके अलावा पथ निर्माण विभाग ने करीब 93 किमी लंबाई में फोरलेन गया-हिसुआ-राजगीर-नालंदा-बिहारशरीफ सड़क एनएच-82 का निर्माण दिसंबर 2022 तक पूरा हो जाने की संभावना जतायी है।