प्रदेश को इस साल 4 नए नेशनल हाईवे की सौगात मिलने जा रहे हैं। जमीन अधिग्रहण की समस्या को लेकर जो भी लाभ हुआ था उससे अब निपटा लिया गया है और इस साल के अंत तक ये बनकर तैयार हो जाएंगे। इनमें फारबिसगंज-जोगबनी फोरलेन, किशनगंज का एलिवेटेड रोड, मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल का टू लेन एप्रोच रोड और गोपालगंज-छपरा टू लेन सड़क शामिल हैं।
इसके अलावा कोईलवर मैं बना सिक्स लेन का पुल भी लगभग तैयार हो गया है। इसमें एक तरफ 3 लेन पर आवागमन शुरू हो चुका है। बाकी के 3 लेन पर आवागमन बरसात के बाद शुरू हो जाएगा। इन सड़कों के बन जाने से प्रदेश के किसी भी जगह से राजधानी पटना 5 घंटे में पहुंचा जा सकेगा। जो नीतीश कुमार का एक सपना था। उन्होंने कहा था कि हम सड़कों का इस तरह से जाल बिछाएंगे कि प्रदेश के किसी भी इलाके से से अधिकतम 5 घंटे में राजधानी पटना पहुंचा जा सके।
फारबिसगंज – जोगबनी फोरलेन सड़क।
सूत्रों की माने तो फारबिसगंज-जोगबनी फोरलेन (एनएच-57ए ) करीब 9.25 किमी की लंबाई में बन रहा है जिसका निर्माण 247 करोड़ रुपये से अप्रैल, 2016 से शुरू हुआ था। इस इस सड़क के बनाने की समय सीमा अप्रैल, 2018 थी।ऐसे में सड़क निर्माण में करीब साढ़े तीन साल देर होने की संभावना है।
किशनगंज का एलिवेटेड रोड।
किशनगंज का एलिवेटेड रोड (एनएच-31) करीब 3.18 किमी की लंबाई में बन रहा है। इसका निर्माण करीब 129 करोड़ रुपये से जून, 2018 से शुरू हुआ था। इसका निर्माण पूरा करने की समय सीमा जून, 2020 थी। ऐसे में करीब डेढ़ साल की देरी से बनने की संभावना है।
मुंगेर रेल सह सड़क पुल का एप्रोच रोड।
मुंगेर रेल-सह-सड़क पुल का टू लेन एप्रोच रोड (एनएच-333बी) करीब 14.5 किमी लंबाई में बन रहा है। इसका निर्माण 231 करोड़ रुपये से दिसंबर, 2018 में शुरू हुआ था और इसे मई, 2021 में बनने की संभावना थी। लेकिन, जमीन अधिग्रहण की समस्या के चलते देरी हुई है।
गोपालगंज – छपरा टू लेन
गोपालगंज-छपरा टू लेन रोड (एनएच-85) करीब 94.2 किमी की लंबाई मेें बन रहा है। इसका निर्माण करीब 644 करोड़ रुपये से दिसंबर, 2015 से शुरू हुआ था। इसके निर्माण की समय सीमा दिसंबर, 2017 थी, लेकिन इसमें करीब चार साल का विलंब हुआ है।