प्रदेश में पंचायत चुनाव की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। 24 सितंबर से लेकर 12 दिसंबर तक कुल 11 चरणों में चुनाव होना है। इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग रोज नए दिशा निर्देश जारी कर रहा है। निर्वाचन आयोग की तरफ से उम्मीदवारों के खर्च की सीमा तय कर दी गई है।
जानकारी के अनुसार अब वार्ड सदस्य और पंच चुनाव में ₹20 हजार तक खर्च कर सकते हैं। वहीं मुखिया और सरपंच के खर्च की सीमा ₹40 हजार निर्धारित की गई है। जिला परिषद सदस्य का निर्वाचन क्षेत्र बड़ा होने के कारण उनके खर्च की सीमा ₹1 लाख तय की गई है।
वहीं पंचायत समिति सदस्य अधिकतम ₹30 हजार तक खर्च कर सकते हैं। प्रत्याशियों को मतों की गणना का कार्य संपन्न होने के बाद चुनाव खर्च का ब्यौरा उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। जो भी प्रत्याशी चुनाव में खर्च का ब्यौरा उपलब्ध नहीं कराएंगे उनके लिए अगली बार चुनाव लड़ना मुश्किल हो जाएगा।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सभी प्रत्याशियों को मतगणना की समाप्ति के 15 दिन के अंदर अपने खर्च का ब्यौरा निर्वाची पदाधिकारी के पास जमा करना अनिवार्य होगा। जांच में किसी प्रत्याशी के खर्च की राशि अधिक होती है तो ऐसी स्थिति में उस प्रत्याशी पर चुनाव आयोग के फैसले का उल्लंघन करने के खिलाफ में कार्रवाई की जाएगी।
इधर प्रथम चरण के चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया आज से शुरू हो गई है। नाम प्रत्याशी गन जनता को लुभाने के लिए उनके बीच जाना शुरू कर चुके हैं।