अब कोयले की कमी से नहीं होगी बिजली आपूर्ति में कमी। समीक्षा बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री श्री आरके सिंह ने दिए निर्देश

पिछले दिनों एक खबर आई थी कि कई सारे एनटीपीसी के प्लांट में कोयले की कमी से भरपूर मात्रा में बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इससे देशों में बिजली आपूर्ति में कटौती हुई थी। इसी को लेकर केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आरके सिंह ने 3 सितंबर, 2021 को विद्युत संयंत्रों में कोयले की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए समीक्षा की।इस दौरान ऊर्जा मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, रेलवे, कोयला कंपनियां, बिजली कंपनियां और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के सचिव और वरिष्ठ अधिकारीभी उपस्थित हुए।

इस बात पर ध्यान दिया गया कि अगस्त 2019 (112.9 बीयू) की तुलना में, अगस्त, 2021 (129.5बीयू) में ऊर्जा की खपत में 15% की बढ़ोतरी हुई है जबकि थर्मल और लिग्नाइट आधारित उत्पादन की हिस्सेदारी में 21% की बढ़ोतरी हुई है।टीपीपी में कोयले के भंडारों पर पूर्ण रूप से नजर रखने के लिए एक कोर मैनेजमेंट टीम (सीएमटी) का गठन किया गया है और सचिव (विद्युत), श्री आलोक कुमार इनकी स्थिति की दैनिक रूप से समीक्षा करने के साथ-साथ सीएमटी द्वारा उनपर की गई कार्रवाई की भी समीक्षा करेंगे।

बैठक में विस्तृत चर्चा करने के बाद श्री आर.के. सिंह द्वारा कई दिशा-निर्देश प्रदान किए गए- जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण निम्न हैं:

कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनियों को सलाह दी गई कि वे सितंबर, 2021 के लिए प्रदान किए गए लक्ष्यों का पालन और कोयला उत्पादन को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करें, जिससे टीपीपी में कोयले का भंडार सुनिश्चित किया जा सके।मंत्री ने सीआईएल से कहा कि वह दैनिक रूप से कोयला कंपनियों की रेक लोडिंग की समीक्षा करे और यह भी सुनिश्चित करे कि वह सितंबर, 2021 की रेक लोडिंग लक्ष्यों के अनुरूप हो।

यह सलाह प्रदान की गई कि कैप्टिव कोयला ब्लॉक वाले जेनकोस के लिए एक नीति तैयार की जाए, जिससे कि जेनकोस द्वारा कैप्टिव ब्लॉकों से लक्षित कोयला उत्पादन का कम से 85% सुनिश्चित किया जा सके।कैप्टिव कोयला खदानों के लिए प्रोत्साहित/हतोत्साहित करने वाली प्रणाली भी विकसित की जा सकती है अगर उनका उत्पादन लक्ष्य से ज्यादा होता है या लक्ष्य की तुलना में उत्पादन में कमी आतीहै।

श्री आर. के. सिंह ने कहा कि कैप्टिव कोयला खदानों से कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी को सुनिश्चित करने के लिए इससे संबंधित जेनकोस और राज्यों के साथ कैप्टिव कोयला ब्लॉकों से संबंधित मुद्दों परवे अलग से बैठक करेंगे।इससे पहले, सचिव (विद्युत) 6 सितंबर 2021 को कैप्टिव कोयला खादानों के संबंध में सभी हितधारकों के साथ एक बैठक करेंगे।

इस पर विचार-विमर्श किया गया कि 2025-26 तक सीआईएल द्वारा अपने कोयला उत्पादन को 600 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1000 मीट्रिक टन कर दिया जाएगा।सीआईएल को यह सलाह दी गई कि वे अगले दो वर्षों में कोयले के परिवहन में उत्पन्न होने वाली बाधाओं से बचने के लिए रेलवे के साथ गठबंधनकरे, जिससे कि खदानों से थर्मल पावर प्लांट तक कोयले के निर्बाध आवागमन को सुनिश्चित किया जा सके।

सीईए को सलाह दी गई कि वह पिट-हेड और नॉन-पिट हेड प्लांटों के लिए अनिवार्य कोयला स्टॉक सीमाओं की समीक्षा करे। अनिवार्य सीमा/अनिवार्य सीमा से कम कोयला स्टॉक रखने वालों के लिए प्रोत्साहित/हतोत्साहित करने वाली प्रणाली होनी चाहिए।

चूंकि मॉनसून के महीनों में कोयले की आपूर्ति प्रभावित होती है, इसलिए मॉनसून की शुरुआत से पहले ही कोयले के भंडारों को बढ़ाने के लिए टीपीपी को ठीक प्रकार से प्रोत्साहित किया जा सकता है।टीपीपी को ‘प्रोत्साहन’ वांछित खदान से लोडिंग और कुचले हुए कोयले की आपूर्ति को प्राथमिकता देने के संदर्भ में होगा।

source- Press information Bureau.