बहुत से ऐसे लोग होते हैं जो अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देकर उच्च शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते। ऐसे ही एक छात्र हैं रांची के अमरेन सेठ। जिनके उच्च शिक्षा के दौरान आर्थिक स्थिति आड़े आई तो उन्होंने हार नहीं माना और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर ली। नौकरी के दौरान ही उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और अब उन्होंने यूजीसी द्वारा आयोजित नेट परीक्षा क्वालीफाई कर ली। फिलहाल वे रिसर्च कर रहे हैं।
हर महीने मिल रही 32000 फेलोशिप।
यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) द्वारा अमरेन सेठ को अब प्रतिमाह 32 हजार रुपये फैलोशिप मिल रहा है। इतना ही नहीं उनका चयन जूनियर रिसर्च फैलोशिप के लिए भी किया गया है। अमरेन सेठ की इस सफलता से उनके गुरुजन व स्वजन में हर्ष है। अमरेन सेठ कहते हैं कि उन्हें बचपन से ही उच्च शिक्षा हासिल करने की तमन्ना थी। इस दिशा में लगातार प्रयासरत रहे। गुरुजन व मां सबरी देवी और पिता गया प्रसाद सेठ के आशीर्वाद से सफलता मिल गई। अब रिसर्च स्कालर के तौर पर आगे की पढ़ाई जारी रखेंगे।
खर्च चलाने के लिए कि गार्ड की नौकरी।
रांची जिले के सोनाहातू प्रखंड के तेलवाडीह गांव के रहने वाले अमरेन सेठ के इलाके में पढ़ाई की अच्छी सुविधा नहीं थी। इसके लिए वे रांची आ गए। लेकिन यहां पर जीविका चलाने का संकट आ गया। इसके लिए उन्होंने बरियातू के एक अपार्टमेंट में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर ली। ₹8000 महीने के खर्चे से वह अपनी पढ़ाई और नीचे खर्च जरूरत पूरी करते रहे।
अपार्टमेंट में रहने वाले दो प्रोफेसर ने भी की मदद।
अमरेन सेठ बताते हैं कि जिस अपार्टमेंट में गार्ड की नौकरी कर रहे थे, उसी में रांची यूनिवर्सिटी के जूलाजी विभाग के डा आनंद ठाकुर और फिजिक्स विभाग के डा राजकुमार रहते हैं। दोनों शिक्षकों ने न सिर्फ आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रेरित किया, बल्कि अपेक्षित सहयोग भी किया। फिलहाल अमरेन आरयू से पीजी हिंदी विभाग में शोध कार्य कर रहे हैं।