8 साल में 30 हजार किलोमीटर इलेक्ट्रिफाई हुआ रेल ट्रैक। तेजी से बदल रहा रेल नेटवर्क।

हाल के वर्षों में रेल इन्फ्राट्रक्चर में जबरदस्त सुधार हुआ है। पूरे देश में रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने के साथ-साथ आमान परिवर्तन और इलेक्ट्रिफिकेशन का काम किया जा रहा है। भारत में मौजूद रेल लाइनों को तेजी से इलेक्ट्रिफाई किया जा रहा है ताकि डीजल इंजन पर निर्भरता को धीरे-धीरे खत्म किया जा सके। इससे डीजल पर खर्च होने वाली मोटी रकम तो बचेगी ही, इसके साथ ही पर्यावरण को भी सुरक्षा मिलेगी।

बता दें कि भारतीय रेल का नेटवर्क विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। इंडियन रेलवे सिविल इंजीनियरिंग पोर्टल के मुताबिक भारतीय रेल की कुल रूट लंबाई 67,956 किलोमीटर है। जिसमें से 52,247 रूट किलोमीटर इलेक्ट्रिफाई हो गया है।

77 फीसदी इलेक्ट्रिफिकेशन पूरा।

मंत्रालय ने भारतीय रेल के इलेक्ट्रिफिकेशन का ट्रेंड शेयर किया है, जिसमें साल 1951 से लेकर 31 जुलाई, 2022 तक का ट्रेंड है। रेल मंत्रालय के मुताबिक साल 1951 से 2014 तक यानी 63 सालों में भारतीय रेल का कुल 21,413 किलोमीटर रूट ही इलेक्ट्रिफाई हो पाया था। जबकि साल 2014 के बाद से लेकर 31 जुलाई, 2022 तक यानी करीब 8 साल में रेलवे का 30,585 किलोमीटर इलेक्ट्रिफाई किया जा चुका है। इसका सीधा मतलब ये हुआ कि भारतीय रेल के कुल 67,956 रूट किलोमीटर लंबे नेटवर्क का 77 फीसदी यानी 52,247 रूट किलोमीटर रेल नेटवर्क का इलेक्ट्रिफिकेशन किया जा चुका है।