अफगानिस्तान में सियासी उठापटक के बीच बिहार के लोगों की जेब होगी ढीली। महंगे हो जाएंगे ये सामान।

अफगानिस्तान में आए सियासी संकट से भारत भी काफी परेशान है। वहां पर लोगों में अफरा-तफरी मची हुई है। लोग पुराने दिनों को याद करके तालिबान से खौफ में हैं। इस बीच अफगानिस्तान से ट्रेड भी काफी प्रभावित हुआ है। इसका सीधा असर भारत और बिहार पर पड़ेगा। भारत ड्राई फ्रूट्स का एक अच्छा खासा अमाउंट अफगानिस्तान से आयात करता है।

आने वाले त्योहारी सीजन में इसका असर खुल करके दिखने लगेगा। इसका प्रभाव रक्षा बंधन से लेकर दिवाली तक त्योहार पर पड़ेगा। अफगानिस्तान सूखे मेवे का एक बड़ा स्रोत है। गृहयुद्ध के कारण अफगानिस्तान से पिस्ता, बादाम, अंजीर, अखरोट जैसे बहुत से ड्राई फ्रूट्स, सूखे मेवे व शहतूत की कीमत बढ़ी है। भागलपुर के बाजारों में मेवों के दामों में डेढ़ से दोगुना तक इजाफा हुआ है। बाजार में कम आपूर्ति से ग्राहकों को मनमाने कीमत पर खरीदना पड़ रहा है। ज्यों-ज्यों स्टाक समाप्त होगा उसी तरह दर भी चढ़ता चला जाएगा। लोगों को अफगानी सूखे मेवों और बादाम की कमी का सामना करना पड़ सकता है।

अफगानिस्तान एक लैंडलॉक्ड कंट्री है इसलिए ज्यादातर व्यापार हवाई मार्ग से ही होता है। कुछ सामान ईरान के रास्ते होकर जल मार्ग से भारत आता है। भागलपुर के मेवा व्यवसायी ने बताया कि गुजरात के बड़े व्यापारी ने करीब 600 करोड़ रुपये के मेवों का आर्डर दिया था। हालांकि उनका मेवा सियासी संकट के बीच जलमार्ग से भारत के लिए रवाना हो गया है। लेकिन जब तक आपूर्ति नहीं हो जाए कुछ कहना मुश्किल है।  उधर अमेरिका के कैलिफोर्निया के जंगलों में आग लगने की वजह से भी वाला कैलिफोर्निया अलमोंड, यानी बादाम की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।

बीते दिनों में ही कुछ इस तरह से चढ़े सूखे में हो के भाव।
(दर प्रति किलोग्राम में खुदरा बाजार में)

अंजीर – 820 रुपये – 1500 रुपये

-छुआरा – 140 रुपये – 200 से 400 रुपये

– आलू बुखारा – 400 रुपये – 600 रुपये

-काला किसमिश – 310 रुपये – 400 रुपये

– पिश्ता – 960 रुपये -1200 रुपये

– काठ बादाम – 700 रुपये से 1000 रुपये