पूर्वी बिहार में नदियां उफान पर। हर तरफ हुआ पानी – पानी। हजारों लोग प्रभावित।

प्रदेश के सीमांचल और पूर्वी क्षेत्र में नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश नेपाल की तरफ से आने वाले बारिश के पानी की वजह से नदियों का जलस्तर काफी तेजी से बढ़ रहा है। अररिया जिले में नूना जल स्तर से बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस चुका है। कटिहार जिले में भी गंगा उफान पर है और जिले के 5 पंचायतों में गंगा का पानी फैल चुका है। खगड़िया में भी दंगा और बूढ़ी गंडक नदी के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है।

सीमावर्ती क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश की वजह से शनिवार की देर रात अररिया के सिकटी प्रखंड होकर बहने वाली नूना नदी उफनाई गई। इससे पड़रिया पंचायत के पड़रिया, सालगोड़ी, कचना, कठुआ व बांसबाडी गांव में पानी फैल गया। पड़रिया पंचायत के वार्ड एक, दो, तीन व छह की स्थिति काफी भयावह है। इस साल यहां आठवीं बार नूना नदी का पानी घुसा है। फुटानी चौक से झाला पलासी जाने वाली डोम सड़क व शालगोड़ी से कचना जाने वाली सड़क पर हुवे घटाओ की वजह से से आवागमन बाधित है।

कटिहार जिले में महानंदा नदी को छोड़कर शेष सभी नदियों के जल स्तर में वृद्धि हो रही है। गंगा, कोसी, कारी कोसी , और बरंडी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है। मनिहारी, बरारी, कुरसेला और अमदाबाद प्रखंड के तीन दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ जैसे हालात हैं।
भागलपुर के कहलगांव के चौर और बाकी निचले क्षेत्रों में भी बाढ़ का पानी तेजी से प्रवेश करने लगा है।

केंद्रीय जल आयोग के ग्रेड टू पदाधिकारी सुरेश चौधरी ने बताया कि सोमवार की शाम या मंगलवार की सुबह तक मुंगेर में गंगा डेंजर लेवल को पार कर जायेगी। रविवार की शाम गंगा खतरे निशान से महज 36 सेंटीमीटर नीचे बह रही थी। खगड़िया जिले में गंगा और बूढ़ी गंडक नदी में उफान जारी है।

आला अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि नदियों के जल स्तर पर लगातार पैनी नजर रखी जा रही है और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराई जा रही है।