आपको अगर सफल होना है तो आपको कई तरह के त्याग करने पड़ते हैं क्योंकि सफल होना इतना आसान नहीं होता है. हर साल लाखों की संख्या में अभ्यर्थी यूपीएससी की परीक्षा की तैयारी करते हैं लेकिन इसमें सफल वही अभ्यर्थी होते हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और त्याग करते हैं.
हर साल लाखों की संख्या में अभ्यर्थी आईएएस की तैयारी करते हैं लेकिन आईएएस ऑफिसर बनना इतना आसान नहीं होता है। लाखों की संख्या में अभ्यर्थी होते हैं यूपीएससी की तैयारी करते हैं लेकिन सफल वही अभी आरती होते हैं जो डिलीट संकल्प रखते हैं और कड़ी मेहनत करते हैं।
आज हम आपको ऐसी ही एक हरियाणा की बेटी की कहानी बताने जा रहे हैं, जिन्होंने सिविल सेवा परीक्षा में आईएएस बनकर सफलता हासिल की है। ममता मूल रूप से हरियाणा की रहने वाली हैं। हालांकि, उनकी स्कूली और कॉलेज की पूरी शिक्षा दिल्ली से ही पूरी हुई है। उन्होंने ग्रेटर कैलाश के एक निजी स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की। इसके बाद ममता ने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज में स्नातक में दाखिला लिया।
चार साल तक की थी यूपीएससी की तैयारी
ऐसा नहीं है कि ममता को यह कामयाबी एक झटके में मिल गई। बल्कि ममता यादव ने यूपीएससी तैयारी के लिए अपने जीवन के चार साल दिए हैं। इन चार सालों में उन्होंने कई उतार-चढ़ाव और संघर्ष देखे, लेकिन उन्होंने कभी भी हिम्मत नहीं हारी। इस बीच उन्होंने साल 2019 में सिविल सेवा परीक्षा को पास कर लिया था। तब उन्हें 556वीं रैंक प्राप्त हुई थी।