मोदी सरकार का “मेजर फैसला ” अब राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार का नाम होगा हॉकी के जादूगर के नाम पर।

खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले सबसे बड़े पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार के नाम से जाना जाएगा। इस बात की जानकारी प्रधानमंत्री श्री मोदी ने ट्वीट करके दी।
श्री मोदी ने फैसले का ऐलान कहा कि यह अवार्ड हमारे देश की जनता की भावनाओं का सम्मान करेगा।

पीएम मोदी ने कहा है, ”देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है. जय हिंद.”।

गांधी खेल रत्न की शुरुआत 1991 92 में हुई थी। सबसे पहला खेल रत्न पुरस्कार पहले भारतीय स्टार और शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद को दिया गया था। यह खेलों के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार है। अब तक ₹45 अवार्ड दिया जा चुका है। अब तक तीन हॉकी खिलाड़ियों के अवार्ड दिया जा चुका है। इनमें धनराज पिल्ले सरदार सिंह और रानी रामपाल शामिल है।

खेल रत्न का नाम जिनके नाम पर किया गया है वे ध्यानचंद हॉकी के जादूगर के नाम से जाने जाते थे। उनका जन्म 29 अगस्त 1927 को प्रयागराज तत्कालीन इलाहाबाद में हुआ था। ड्यूटी के दौरान चांद की रोशनी में हो की प्रैक्टिस करते थे इसीलिए ने ध्यानचंद कहा जाने लगा। इनके बदौलत ही भारत ने 1928 1932 1936 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। 28 के एम्सटर्डम ओलंपिक में उन्होंने सबसे ज्यादा 14 गोल किए थे तब वहां के एक स्थानीय अखबार में लिखा था ध्यानचंद हॉकी के जादूगर हैं।